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Everything is planned by god
Everything is planned by god
(Actual Story)

अनिल और बीना का मिलना शायद भगवान ने पहले ही तय कर रखा था।

कुछ महीनों पहले ही तो वापस आई थी वो अनिल की लाइफ में और अब इतनी दूर चली गई।

एक दिन अचानक अलमारी साफ करते समय 42 साल पुरानी डायरी मिली उसमें एक नंबर लिखा था मैंने लगाया वह सागर का था (बीना का भाई), सोचा हाल-चाल पूछ लू, सागर ने कहा कैसे हो आप, इतने सालों बाद?

मैंने कहा हां बहुत समय हो क्या 40 साल, उसने बोला बीना से कांटेक्ट में हो या नहीं, आ जाओ मिलने आई हुई है वह इंडिया।

मैंने कहा हां आऊंगा बस इतनी ही बात हुई, रात भर सोचा। अगले दिन सागर से बोला बीना का नंबर तो दो बात करता हूं।

40 साल बाद व्हाट्सएप पर बात हुई, यह टेक्नोलॉजी भी कितनी अजीब चीज है ना सालों पुराने लोगों को मिला देती है। फिर हमने वीडियो कॉल पर देखा एक दूसरे को, पति के, बच्चों के बारे में कुछ दिन हमारी बातचीत हुई।

बहुत खुश थी वो सेटल हो चुकी थी, बच्चे, बहु, पोते,पति सबके साथ। लव मैरिज जो की थी उसने।

मैंने भी बताया कि अब कुमुद नहीं रही, सिर्फ मैं और कमल ही है अब, बेटी की शादी हो गई है और घर के सारे काम मैं करता हूं, वो हंस पड़ी।

कुछ दिन बाद उसने कहा तबीयत खराब है मेरी मरने से पहले मिलने तो आ जाओ, मज़ाक कर रही थी। ऑफिस में कई बार बातें करता था तो ऑफिस के दोस्तों ने कहा जा मिला एक बार टिकट हम करा देते हैं, अचानक टिकट भी हो गई 3 महीने की बातचीत के बाद आखिरकार मिलने गया उससे मुंबई से अहमदाबाद। RK (बीना का पति) ने पता मैसेज कर दिया था, पर बीना के लिए सरप्राइज़ था।

स्टेशन से उसके घर पहुंचा, उसकी बेटी ने दरवाज़ा खोला, हेलो अंकल कैसे हैं, आईए मम्मी ऊपर के रूम में है, आपको लेकर चलती हूं। अचानक RK आया, मिला और कहा चलो ऊपर चलते है।

बीना की बेटी: मम्मी देखो कौन आया है, आपके पुराने दोस्त अनिल अंकल, उसके पति ने कहा तुम दोनों बातें करो, मैं बैंक से होकर आता हूं। बेटा अंकल के लिए चाय नाश्ते का इंतजाम करो।

करीबन 1 घंटा हम एक दूसरे को देखते, निहारते बातें करते रहे फिर में उसे अपने जोक्स सुनने लगा वो मुस्कुरा रही थी।

कुछ घंटों उससे मिलकर, बातें करके, मैं वापस मुंबई निकल आया उसे हाय हेलो होती रही व्हाट्सएप पर, RK भी उसकी सेहत की खबर देता रहा। एक दिन सुबह ऑफिस आते वक्त RK का कॉल आया, फूट-फूट कर रोने लगा, मैं भी घबरा गया, उनसे दबी आवाज़ में कहा - बीना नहीं रही।

मैं कुछ कहने की स्थिति में नहीं था, बस कहां अपना ध्यान रखना, हिम्मत रखो, पर इस ख़बर से खुद के लिए हिम्मत कहा से लता? ऑफिस आके सबको बताया, वो दिन सबके लिए भारी था।

कई दिन बीत गए मैंने RK से कोई बात तो नही की बस उसे व्हाट्सएप पर हाल चाल पूछ लेता था। बस यही सोचता रहता की भगवान का क्या प्लान था, कैसे मुझे वो डेयरी मिली, बीना का नंबर मिला, कैसे वो इंडिया आ गई अचानक, कैसे दोस्तो ने मिलने के लिए भेज दिया, कैसे अचानक वो फिर कुछ यादें देके चली गई हमेशा के लिए।

अब सिर्फ उसकी तस्वीरें देखता हूं व्हाट्सएप पर।
© firkiwali