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दो दिलों का प्यार ( भाग - 12 )
अब तो ऑफिस में भी प्रेम का बर्ताव बदलता हुआ साफ नजर आ रहा था, कई दिनों से अदिति ऑफिस नही आ रही थी क्योंकि वो अंजली को अब देखना भी नही चाहती थी, जिस वजह से वो ऑफिस नही आ रही थी। प्रेम को उसकी फिक्र होने लगी थी, प्रेम जब अदिति को कॉल करता है, तो वो किसी पार्टी में मौजूद रहती है और पीछे से तेज़ गाने की आवाज आने से ठीक से बात नही हो पाती है। अदिति उस पार्टी के दौरान ड्रिंक की हुई होती है जिस वजह से वो अपने काबू में नही होती, वो प्रेम को कॉल कर खुद ही उसे पार्टी में बुलाती है, अदिति जिस आवाज में कह रही थी, प्रेम यह सुनकर और परेशान हो गया वो तुरंत ही उसके पास जाता है। पार्टी में पहुंचने के बाद, अदिति उसे आते देख प्रेम के कार के सामने वो आ जाती है, प्रेम तुरंत ही कार रोक लेता है और गुस्से में कहता है, अदिति क्या तुम पागल हो, ये क्या कर रही थी तुम, ek minute तुमने ड्रिंक किया है, अदिति खुद को संभाल भी नही पा रही थी, वो उसकी मदद करता है पर अदिति उसे गुस्से में बोलती है, दूर हो जाओ, और कहाँ गयी तुम्हारी वो असिस्टेंट जिसने मुझे तुमसे अलग कर दिया, में उसे कभी माफ नही करूँगी। प्रेम ये सुनकर खुद हैरान हो जाता है, वो कहता है तुम अंजलि की बात कर रही हो क्या, अदिति के आँखो में आँसू आ जाते है वो कहती है में तुमसे प्यार करती हूं पर कभी हिम्मत ही नही हुई कि तुमसे इस बारे मे बात करूं, और जब बात करने की सोची तो तुम अंजलि के साथ वक़्त बिताने लगे। प्रेम को उस समय कुछ समझ नही आ रहा था कि वो क्या कहे। वो उससे कहता है, अदिति कार में बैठो तुमने ज़्यादा ड्रिंक कर ली है जिस वजह से तुम क्या बोल रही हो तुम्हे खुद को भी नही पता। अदिति यह बात सुनकर तेज़ तेज़ हसने लगती है वो कहती है सर क्या करूँ में हिम्मत तो अभी भी नही हुई थी कि में बात करूं, में इन सब चीज़ों को और अंदर नही लेकर रख सकती थी, इसलिए मैंने ड्रिंक किया और अपनी सारी मन की बात बोल दी। प्रेम दोबारा उसे बोलता है कार के अंदर बैठो, वो साफ मना कर देती है। अदिति के साथ कुछ दोस्त भी आये थे जो उसे आवाज लगा रहे थे, प्रेम उनको बोलता है, अदिति को आराम से घर ले जाओ। उनके दोस्त अदिति को वहा से लेकर चले जाते है। अगले दिन जब उसका नशा उतरता है, तो कल रात की बीती घटना उसे याद आ जाती है.......

To Be Continued........