...

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अर्थ
एक निगाहें जो भा गयी मन को
एक हंसी जो ताउम्र बन गयी हंसी मन की
उसे लाख भूलने की कोशिश नाकाम है
क्योंकि मन की मोहब्बत का नाम अविराम है

मुझे दायरों में बांधना कहाँ आता है तेरी मोहब्बत में।।
जिसे ख़्वाबों में सजाया तुम बिल्कुल वही तो हो ना।।
मैं कहाँ...