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अर्थ
एक निगाहें जो भा गयी मन को
एक हंसी जो ताउम्र बन गयी हंसी मन की
उसे लाख भूलने की कोशिश नाकाम है
क्योंकि मन की मोहब्बत का नाम अविराम है

मुझे दायरों में बांधना कहाँ आता है तेरी मोहब्बत में।।
जिसे ख़्वाबों में सजाया तुम बिल्कुल वही तो हो ना।।
मैं कहाँ वाक़िफ़ हूँ ये forever या unconditional की रिवायतों से
मुझे तो वो अंतिम सफ़र तक तुझसे ही मोहब्बत रहेगी ।।क्योंकि मुझे ना रंग बदलना आता है ना मौसम .
कहते हैं लोग मोहब्बत बहुत दुखदायी होती है हाँ सच कहते हैं तभी हर के नसीब में ये कहाँ बनी होती है
सुनो ,जब मेरे ह्रदय में तुम्हारे लिए ये मोहब्बत का कोंपल फूटा था उस रोज़ से आजतक कोई और कभी दिल में बसा ही ना था
तुम जानते हो मेरी शिद्दत इसलिए हर बार परीक्षा लेते हो।। मैं खुद से वाक़िफ़ हूँ मुझे आख़िरी श्वास तक कोई डगमगा नहीं सकता क्योंकि ये ना तो
forever या unconditional की बात है ये मेरे लिए ताउम्र की सौग़ात है
वैसे भी मोहब्बत एक ही बार होती है ये सच है
जो मुझे तुमसे हो गयी ।। भले तुम नहीं पास मेरे ना मुक़द्दर में फिर भी जो तुमसे हो गयी वो कभी मिटेगी नहीं ।।
तुम हो या ना हो भाविका की तक़दीर में (अविजित)
पर "मैं फिर भी तुमको चाहूँगी "


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