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आओ देखो बनारस में
मुझे नहीं पता कि तुम किस शहर में रहते हो, किसी दिन बैग में एक-काद कपड़े रख के निकल पड़ो बनारस।

कहतें हैं कि मुम्बई मायानगरी है जहाँ छोटे-छोटे इंसानों के बड़े बड़े सपने पूरे हुए हैं!
पर बनारस...

ये वो जगह है जहाँ पर इंसान बड़े से बड़े सपने को जलते हुए, मिट्टी में खाक होते हुए देखता है...
एक चद्दर रख लेना साथ में या फिर बनारस सिटी स्टेशन के बाहर से 10 रुपये में बिकने वाली पन्नी ले लेना और पहुँच पड़ना सीधे मणिकर्णिका।
ये वो जगह है जहां इंसानी लाशों के जलते हुए उजाले में सिर्फ और सिर्फ सच्चाई दिखाई देती है।

एक रात के लिए भूल जाना कि तुम्हारे क्रेडिट कार्ड के लिमिट कितनी है, तुम्हारे डेबिट कार्ड में कितने पैसे पड़े हैं जिन्हें तुम अभी निकाल के 5 स्टार होटल बुक कर सकते हो, भूल जाना अपने पैरों में पड़े हुए जूते की कीमत या कलाई में...