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एकनिष्ठ पंडित जी 😘
प्यार की अजीब दास्तां पंडित जी और पंडिताइन की ज़ुबानी, जहां चलती तो बस पंडिताइन की ही है चाहे पंडित जी बोल बोल कर थक क्यों न जाएं 🤭😂
विवाह के समय सात फेरों का वो साथ जन्मों तक साथ निभाने का साथ, पंडिताइन अड़ गई, ऐसा कैसे, सिर्फ सात जन्मों तक ही, और आगे की सात जन्मों का क्या 😡
ऐसे थोड़े ही किसी और का हो जाने दूंगी अपने पंडित जी को 😂
पंडित जी बेचारे अपने ही फैसले पर दोबारा सोच विचार करने लगे 😂😂😂
फिर जैसे तैसे विवाह सम्पन्न हुआ और घर लौटते ही, पंडिताइन ने पंडित जी से पूछा,
"सुनिए ना पंडित जी,आप हमें कितना प्यार करते हैं", सुन कर पंडित जी स्तब्ध 🤦🏽‍♀️
कहने लगे, पंडिताइन जी, ऐसा सवाल क्यों वो भी आज के दिन। दरअसल पंडित जी समझ नहीं पा रहे थे कि पंडिताइन के दिमाग़ में ऐसे खुराफाती सवाल आते कहां से हैं 😝
तब से ले कर आए तक सात साल के रिश्ते में, पंडित जी अब भी कभी कभी सोच में पड़ जाते हैं कि ये पंडिताइन को ऊपरवाले ने किस मिट्टी से बनाया है जो चपड़ चपड़ करती रहती है। और चुप होती है तब भी लगता है मानों कोई तूफ़ान आने वाला हो😂
पंडित जी की ख़ुशी का ठिकाना न रहा जब हमारे अंश अनुरिमा और अनुराग, उन्हें तोतली भाषा में बाबा कह कर बुलाने लगे। मानों सारे संसार की ख़ुशी पा ली हो।
फिर शुरू हुआ पंडित जी की प्रताड़नाओं का सिलसिला जब रात में बच्चे रोते तो पंडित जी उन्हें लोरी गा कर सुलाते, ख़ुद रात रात भर जाग कर 🤭😝😂
ऐसा नहीं है कि पंडिताइन बच्चों पर ध्यान नहीं देती,वो क्या है ना, पंडिताइन को भी तो आराम की ज़रूरत पड़ती है ना। बस इसलिए।
अब तो हमारे बच्चे भी और मैं भी पंडित जी की लोरी सुन कर ही सोते हैं,वो बात और है कि वो लोरी कम और रोने जैसा ज़्यादा लगता है 🤭। पर सच कहें,सारा मज़ाक एक तरफ, और पंडित जी का अपने परिवार और हमारे प्रति निष्ठा, स्नेह और अपनापन, असीमित है।
कभी हमें किसी चीज़ की कमी महसूस होने नहीं देते ‌। ऐसे हैं मेरे पंडित जी 😘
अब ऐसे पंडित जी को भला पंडिताइन कैसे छोड़ दें, हां।
बोलिए, बोलिए 😂

© Aphrodite