मेरे बाबू जी कितने अच्छे थे
"क्या बताऊ बन्नी हमारा तो ज़िन्दगी ही बर्बाद हो गया इस बुढ़ऊ के पीछे | इनके साथ के सारे बुजुर्ग निकल लिए पर इनका चिटठा भगवान के यहाँ खो गया हैँ पता नहीं कब तक छाती पे मूंग दलेंगे"? अंजू चाची का पारा एक बार फिर चढ़ गया था!
" बहु कुछ खाने को दो "बृजकिशोर बाबा ने अहाते में बैठते हुए कहा!
"ले आती हूँ मेरे ही करम फूटे हैँ जो गाँव में रह गयी, बड़ी बहु को तो मतलब ही नहीं हैँ आपके होने या ना होने से | सुबह से रात तक रसोई में ही बीत रहा हैँ "
ये करमजला(अपने पति ) ना कही कमाने गया ना ही मुझे कही ले गया " बन्नी आप ही बताओ आज कल खेती करने से क्या मिलता हैँ? लागत वसूल हो जाये यही बड़ी बात है मुनाफा तो होता नहीं हैँ "|
अंजू चाची ने अपने ससुर जी के सामने सतुआ और अचार रखते हुए कहा |
बृजकिशोर चाचा को देख कर यही लग रहा था कि उन्हें अब...
" बहु कुछ खाने को दो "बृजकिशोर बाबा ने अहाते में बैठते हुए कहा!
"ले आती हूँ मेरे ही करम फूटे हैँ जो गाँव में रह गयी, बड़ी बहु को तो मतलब ही नहीं हैँ आपके होने या ना होने से | सुबह से रात तक रसोई में ही बीत रहा हैँ "
ये करमजला(अपने पति ) ना कही कमाने गया ना ही मुझे कही ले गया " बन्नी आप ही बताओ आज कल खेती करने से क्या मिलता हैँ? लागत वसूल हो जाये यही बड़ी बात है मुनाफा तो होता नहीं हैँ "|
अंजू चाची ने अपने ससुर जी के सामने सतुआ और अचार रखते हुए कहा |
बृजकिशोर चाचा को देख कर यही लग रहा था कि उन्हें अब...