गलत रास्ता
घूमने का शौक सभी को होता है, ऐसे ही मुझे भी रहा है, ये कहानी कुछ सत्य घटनाओं पर आधारित है ।
सर्दी के मौसम में कुछ मित्रों के साथ घूमने का प्रोग्राम बना । हम पांच मित्र घर से सुबह समय से निकल कर एक जगह इकठ्ठा हुए और आगे पहाड़ों की तरह जाने का मन बनाया । हम निकल गए कुछ मित्र पीछे थे कुछ आगे थोड़ा आगे । उत्सुकता में सभी खाली पेट आये। थोड़ा चलने पर सभी को भूख का एहसास हुआ और रास्ते में इधर उधर ढूँढने पर केले दिखाई दिये शायद एक एक केला ही मिला सभी को ऊपर से बंदर पहले ही घात लगाए बैठे थे बंदरों ने एक दम से झपटा मारा और सब केले साथ ले गए । एक केले से कुछ तो सहारा लगा । फिर आगे की ओर बड़े। एक रास्ता नया था एक पुराना । नया रास्ता ऐसा था जैसे अभी कुछ दिन पहले ही बनाया हो । कुछ मित्रों ने नया रास्ता और कुछ ने पुराना रास्ते पर जाने को कहा...
सर्दी के मौसम में कुछ मित्रों के साथ घूमने का प्रोग्राम बना । हम पांच मित्र घर से सुबह समय से निकल कर एक जगह इकठ्ठा हुए और आगे पहाड़ों की तरह जाने का मन बनाया । हम निकल गए कुछ मित्र पीछे थे कुछ आगे थोड़ा आगे । उत्सुकता में सभी खाली पेट आये। थोड़ा चलने पर सभी को भूख का एहसास हुआ और रास्ते में इधर उधर ढूँढने पर केले दिखाई दिये शायद एक एक केला ही मिला सभी को ऊपर से बंदर पहले ही घात लगाए बैठे थे बंदरों ने एक दम से झपटा मारा और सब केले साथ ले गए । एक केले से कुछ तो सहारा लगा । फिर आगे की ओर बड़े। एक रास्ता नया था एक पुराना । नया रास्ता ऐसा था जैसे अभी कुछ दिन पहले ही बनाया हो । कुछ मित्रों ने नया रास्ता और कुछ ने पुराना रास्ते पर जाने को कहा...