...

3 views

संघर्ष कै बिना सफलता कठै......भाग 3
पिछला भाग में देख्या की गीता कै कनै एक गाड़ी आकै रुकै ओर उकै मायनै सु एक आदमी उतर कर गीता कै कनै जावै गीता देख कर चौंक जावै

अब आगै

आदमी बोल्यों जी मनै सुणयो है की थे पराठा जोरदार बणाओ हो। काल मनै 20 आदम्या रो खाणो जायजै काई थे बणा देओला की
गीता ~ जी साहब
आदमी ~ ये थोड़ा सा रिप्या रख ल्यो और बाकि का म काल दे जाऊला ओर खाणो ले जाऊला

गीता फटाफट सामान रख मुस्काती बस म बैठ घरा चली जावै
मां ~ आज तो घणी खुश लागै है काई बात होगी
गीता ~ मां आज एक आदमी आयो और बोल्यो मनै थारा पराठा री खुब तारीफ सुणी है काल थे मनै 20 आदम्या को खाणो बणा देवैला की ओर तो ओर थोड़ा रिप्या भी दे कर गयो है
मां ~या चोखी बात है
गीता~ हां मां तु मनै सुबह बेगी हि उठा दीजे जल्दी ही जाऊला
मां ~पण सुण एक बात बोलु
गीता ~हां मां बोल
मां ~सुबह थारा कनै रिप्या कठू आया , कुण का चोरी करा तनै
गीता ~तनै के लागै मां म चोरी कर सकू
मां ~तो फेर कठू आया
गीता~ मां मनै थारे सु छुपा कर राख्या हां अबके दीवाळी पर नया कपड़ा लेण की खातिर पण कोई बात कोनी आपा पाछै ले लेवैला (इती बात कह गीता सोण चली जावै)

आज सुबह गीता जल्दी - जल्दी त्यार होके चली जावै खुशी अतरी हि की अपणो पर्स घरा ही भूल जावै, बस स्टॉप पर जाकर सम्भाळै तो पर्स ही कोनी मिलै, भागी- भागी घरा आके पाछी जावै जद तक उकी बस भी निकळ जावै। दूसरी बस क इंतजार म आज थोड़ी लेट हो जावै पण फेर भी इतो खाणो बणाके आदमी क आणे सु पेली हि रख देवै

आज ग्राहक ओड़ी ध्यान कम ही हो क्युकी इंतजार तो काळी गाड़ी को हो थोड़ी देर में काळी गाड़ी भी आ जावै पण जल्द बाजी करतो आदमी बिना रिप्या दिया हि सामान लेकर चल्यो जावै 5-7 दिन बीतग्या न तो खुद आयो ओर न रिप्या भिजवायो गीता सोचै है की आपा कद इको बुरो किया है जिकी भगवान आपणा कनै भरपाई करवाई है ओर अपणा काम में पाछी मग्न हो जावै

थोडी देर बाद एक काळी गाड़ी आळो हार्न बजावै पण गीता न मालूम हि कोनी पड्यो । एक आदमी खाणो खातों आकर गीता न बोल्यो थानै एक आदमी बुलावै। की गीता देख बोली आ तो बा ही गाड़ी है जो 5- 7 दिन पेली आयो हो, गीता गाड़ी क कनै जावै है ।
आदमी ~माफ करज्यो उ दिन में थोड़ो जल्दी म हो ओर बाद म आणे को टाइम कोन्या मिल्यो , य ल्यो थाका रिप्या और एक बार ओर पराठा खिला दो
गीता ~जरूर पधारों (हाथ सु इशारो कर बोली)
आदमी~ थानै कोई आदमी की जरूत है की ज्यो थाकी काम म मदद कर देवै
गीता ~नहीं साहब म्हारी इती कमाई कोनी होवै की म कोई आदमी राख सकू और इतो हीं काम रेवै है जो म खुद हीं सम्भाळ लेवु हू
आदमी ~ म थानै एक बात बताऊ मनै पुरो विश्वास है की थे जरूर सफल होवैला
गीता~ के काम है
आदमी~ बिजनेस
गीता~ बिजनेस (आश्चर्य सु बोली)
आदमी ~शहर म कई इयाण का लोग है ज्याकै कनै खाणो बणाण को समय कोनी ओर म चाहू की थे इयाण का लोगा तक खाणो पहुंचाओ , म्हारो मतलब टिफिन सेंटर खोल ल्यो, ये म्हारी तरफ सु थोड़ा सा रिप्या रखो ओर अपणो काम शुरु कर दो । काल थाकै कनै एक लड़को आ जावेलो ज्यो थाकी काम म मदद करैलो
गीता ~पर कुण
आदमी~ काल खुद हीं देख लीज्यो

इती बात कह कर आदमी चल्यो जावै ओर गीता घरा जाकै सारी बात अपणी मां सु बतावै मां भी सारी बाता सुण क खुश हो जावै पण सोच म पड़ जावै है की ओ आदमी कुण है ज्यो अतरी मदद कर रयो है और काल कुण आवैलो। इया हीं सोचता सोचता पुरी रात निकळ जावै पण मालूम कोनी पड्यो की कुण है । शायद खुद भगवान आके आपणी मदद करी है (गीता बोली)

आज भी सुबह गीता जल्दी चली जावै जाकै देख तो सामने भाई (श्यामों) खड़ो हो
गीता ~जोर सु बोली बीरा तु अठै
श्यामों~ हां बहना
गीता~ पर किया
श्यामो~ तु या सबने छोड़ ओर फटाफट काम क लाग जा , देख इता जणा रा ऑडर आया है , आज पहला दिन हीं मोडा थोड़ी होणो है।


गीता रो चहरों खुशी सु चमक उठै है

~~~~~~किरण कुमावत
🙏🏻🙏🏻🙏🏻 jay shree shyam 🙏🏻🙏🏻🙏🏻