...

3 views

BACHPAN KA VADA
CHAPTER 27

मानवी अपने बिस्तर पर लेटते हुए मन में सोचती है मुझे शेखर से बात करनी होगी वरना वह निशा का ऐसे ही इंतजार करता रहेगा। फिर

अगली सुबह कॉलेज में मानवी निशा कॉलेज में पहुंचते ही निशा मानवी से बोलती है मैं चलती हूं आप प्लीज शेखर से बात कर लीजिएगा

फिर निशा वहां से चली जाती है। मानवी मन में बोलती है मुझे शेखर से बात करनी ही होगी पता नहीं शेखर कहां होगा लगता है वह जरूर

क्लास में होगा। मानवी क्लास की तरफ जाने लगती है वह क्लास में जाकर देखते हैं तो शेखर क्लास में नहीं था ।वह मन में बोलती है

शेखर तो क्लास में नहीं है क्या वह अभी तक नहीं आया है ।फिर वह अमन की ओर देखते हुए बोलती है अमन को जरूर पता होगा ।

मानवी अमन के पास जाकर बोलती है तुमने शेखर को देखा है क्या। तो अमन बोलता है शेखर तो आज कॉलेज नहीं आएगा । अमन की

बात सुनकर मानवी हेराना होते हुए बोलती हैं क्यों ! मेरा मतलब क्यों नहीं आएगा ।तो अमन बोलता है वह आज शेखर का तबीयत ठीक

नहीं लग रहा था इसलिए वह आज ही नहीं आया है। तो मानवी परेशान होते हुए बोलती है कैसे मेरा मतलब वह ठीक है ना अभी। तो अमन

बोलता है नहीं पता वह कैसा होगा वह तो अकेला रहता है। जब मैंने पूछा कि मैं उसके साथ आज रुक जाओ तो शेखर ने मुझे मना कर

दिया ।अमन की बात सुनकर मानवी एकदम परेशान हो जाती है ।वह अमन से शेखर का घर का पता पूछती है। अमन हैरन होते हुए बोलता

है तुम क्या करोगी उसका घर पता लेकर । मानवी शेखर की चिंता करते हुए बोलती है तुम ज्यादा सवाल मत पूछो बस शेखर का लोकेशन

सेंड करो। अमन मानवी को इतना परेशान और शेखर की चिंता करते हुए देखकर वह शेखर का लोकेशन उसके मोबाइल में सेंड कर देता है।

लोकेशन मिलते ही मानवी जल्दी से क्लास से बाहर निकल जाती है । मानवी को ऐसे जल्दबाजी में जाते-देकर निशा अमन से बोलती है मेरी

बहन इतना परेशान और जल्दबाजी में कहां जा रही है। अमन निशा की तरफ देखते हुए बोलता है वह शेखर से मिलने जा रही है, शेखर की

तबीयत खराब है ना।निशा अमन की बात सुनकर बोलती है अच्छा यह बात है ।अमन निशा को शेखर की परवाह ना करते हुए देखकर मन

में बोलता है क्या शेखर इसे पसंद करता है ।जिसे उसकी कोई परवाह ही नहीं है और उधर मानवी है जो शेखर की तबीयत की बात सुनकर

एकदम परेशान हो गई है और शेखर से मिलने भी चली गई ।मैंरे लिए तो शेखर के लिए मानवी एकदम परफेक्ट है पता नहीं उसकी पसंद

कैसी है ।कुछ देर बाद मानवी शेखर जिस फ्लैट में रहता है वह वहां पहुंच जाती है । मानवी शेखर की अपार्टमेंट में पहुंच कर बेल बजती है

शेखर बेल की आवाज सुनकर बोलता है अभी कौन आ सकता है। वह धीरे-धीरे चलकर गेट खोलता है ।शेखर मानवी को देखकर एकदम

हैरान हो जाता है और खासते हुए बोलता है तुम यहां क्या कर रही हो और तुम्हें कैसे पता कि मैं यहां रहता हूं। मानवी शेखर को ऐसे

देखकर बोलती है तूम सवाल पूछना बंद करो तुम्हें खड़े होने नहीं बन रहा है और तुम सवाल पर सवाल पूछ रहे हो। फिर मानवी अपार्टमेंट

के अंदर आते हुए बोलती है आगे तुम सोफे पर बैठो तब मैं तुम्हें सारी बात बताऊंगी ।शेखर सोफे पर बैठते हुए बोलता है अब बताव।

मानवी शेखर के सवाल का जवाब देते हुए बोलती है मुझे अमन से पता चला कि तुम बीमार हो इसलिए मैं तुम्हारा पता पूछ कर यहां आ

गई ।शेखर मानवी का जवाब सुनकर कुछ बोलने जाता ही है वेसे ही मानवी शेखर को डांटते हुए बोलती है अब तुम कुछ नहीं बोलोगे। शेखर

मानवी की डांटते देखकर चुप हो जाता है । फिर मानवी शेखर से बोलती है क्या तुमने दवाई ली है ।तो शेखर खासते हुए बोलता है नहीं ली

है दवाई खत्म हो गया था। मानवी बोलती है मुझे पता था कि तुम दवाई नहीं लिए होगे। फिर वह अपने बैग से दवाई निकालते हुए बोलती है

मै आते समय तुम्हारे लिए कुछ दवाई ली है ।तभी शेखर भूख की वजह से उसके पेट से आवाज आता है। शेखर आवाज सुनते ही इमबेरेस

हो जाता है। फिर वह मानवी से बोलता है वह मैंने खाना नहीं खाया है इसलिए मेरे पेट से आवाज आ रहा है ।मानवी शेखर को से देखकर

बोलती है रुको मैं तुम्हारे लिए कुछ बना देता हूं । शेखर मानवी की बात सुनकर बोलता है क्यों। मेरा मतलब तुम क्यों खाना बनाओगी मैं

कुछ आर्डर कर लेता हूं । शेखर की बात सुनकर मानवी गुस्से में बोलती है क्यों नहीं बना सकती और कोई जरूरत नहीं है बाहर का खाना

मांगने के लिए। मैं तुम्हारे लिए पॉरिज बना दे रही हूं तुम्हें अच्छा लगेगा। जब तक मैं पोरेज बना रही हूं तुम जाकर रूम में आराम करलो।

शेखर जैसे ही कुछ बोलने जाता है वैसे ही मानवी बोलती हैं अब तुम कुछ नहीं बोलोगे। वैसे ही तुम्हारा तबीयत ठीक नहीं है और तुम हो कि

सवाल पर सवाल कर रहे हो। अब जाओ और जाकर रूम में आराम करो ।उधर निशा आरव के घर पहुंच कर आरव की मां से मिलती है।

आरव की मां निशा से बोलती है अच्छा हुआ तुम समय पर आ गई हो ।आरव आने ही वाला होगा तुम जाकर आरव के रूम में बैठो ।मैं

आरव को वहां भेज दूंगी। निशा जल्दी से जाकर आरव के रूम में चली जाती है। उधर आरव की मां अपने नौकरों से बोलती है जैसे मैंने

बोला था सब हो गया है ना। तब एक नौकर बोलता है जी हां आपने जैसा बोला था वैसा सब हो गया है ।आरव की मां बोलती है अच्छी बात

है इतना बोलते ही वह अपने कमरे में जाकर डॉक्टर से बोलती हैं आप लोग को जैसा मैंने बोला है आप लोग वैसा ही बोलिएगा। मेरा बेटा

आ ही रहा होगा तभी एक नौकर आकर आरव की मां को बोलता है यंग मास्टर की कार आ चुकी है। वह अब यहां आ ही रहे होंगे। नौकर

की बात सुनकर आरव की मां जल्दी से अपने बिस्तर में लेटजाती है और डॉक्टर से बोलती है आरव के आते ही आप शुरू हो जाएगा ।इतना

बोलते ही वो शांत होकर आंख बंद कर के लेट जाती है। आरव घर के अंदर इंटर करते हुए एक नौकर से पूछता है मेरी मां किधर है। नौकर

जवाब देते हुए बोलता है वो अपने कमरे में है। नौकर की बात सुनकर आरव अपनी मां की कमरे कि और जाने लगता है ।वह कमरे में

जाकर देखता नहै कि डॉक्टर उसकी मां का जांच कर रहे हैं ।यह देखकर आरव डॉक्टर से बोलता है क्या हुआ है मेरी मां को वह ठीक है ना

। डॉक्टर जांच करते हुए बोलता है इन्हें कमजोरी की वजह से चक्कर आ गई थी। लगता है यह अच्छे से खाना नहीं खा रही है और बहुत

ज्यादा स्ट्रेस ले रही है। अगर यह ऐसे ही स्ट्रेस लेती रहेगी तो इनका तबीयत में सुधार नहीं हो पाएगा ।डॉक्टर कुछ दवाइयां लिखते हुए

बोलता हैं आप इन्हें यह सब दवाइयां खिलाएगा और ध्यान रखिएगा इन्हें किसी बात का स्ट्रेस ना ले ।इतना बोलते हैं डॉक्टर वहां से चला

जाता है ।आरव अपनी मां के बगल में बैठते हुए बोलता है आप क्यों नहीं अपना ध्यान रख रही हो ।आप नहीं जानती आपकी तबीयत की

बात सुनकर मैं कितना परेशान हो गया था और आप अच्छे से खाना क्यों नहीं खा रही हो और इतना किस बात का आपको स्ट्रेस है । आप

किस बारे में सोच सोच कर इतना स्ट्रेस ले रही हो.................

LIKE COMMENT SHARE AND FOLLOW ME GUYS 🥺♥️♥️🥰🥺
© Mahiwriter