स्वर्णिम भारत,
दुनिया का 7वां सबसे बड़ा देश है भारत। अपने समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ दुनिया भर में इसने अपनी अलग पहचान बनाई है। पूरा भारत 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित है। हर राज्य की अपनी एक अलग बोली व भाषा है और इसी के अनुसार देश के हर राज्य का अपना एक अलग राज्यगीत भी है।
तो चलिए जानें भारत के कुछ राज्यों को समर्पित अलग-अलग गीतों के बारे में-
1. उत्तराखंड का राज्यगीत,
उत्तर भारत में स्थित राज्य, उत्तराखंड का निर्माण साल 2000 में कई वर्षों के आंदोलन के बाद किया गया था। पहाड़ों से घिरे इस राज्य को समर्पित गीत में राज्य की प्राकृतिक सुंदरता का बखान किया गया है।
गीत की कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं –
दूर तक फैली हुई हैं
पर्वतों की श्रृंखलाएँ
फरफराती है उनीले
श्वेत मेघों की ध्वजाएँ।
दूर तक फैली हुई हैं पर्वतों की श्रृंखलाएँ…
2. अरुणाचल प्रदेश
उत्तरपूर्व में स्थित राज्य है अरुणाचल प्रदेश। अरूणाचल प्रदेश का अर्थ है, ‘उगते सूरज की भूमि’। क्षेत्रफल के हिसाब से यह पूर्वोत्तर के राज्यों में सबसे बड़ा राज्य है। अरुणाचल प्रदेश को समर्पित गीत में राज्य के वीरों की बात की गई है कि किस तरह से उन्होंने पूरे साहस और वीरता के साथ आज़ादी की लड़ाई में अंग्रेजों से लोहा लिया था। गीत की कुछ पंक्तिया इस प्रकार हैं –
गुलामी की काली रातों में
जब डूबा था अपना ये वतन
आज़ाद सवेरा लाने को
कुर्बान हुए थे कितने रतन
हर सुख और चैन गंवाकर जो
अर्पित कर दी थी तन-मन-धन
उस समर में थे शामिल हुए
अरुण की आँचल के भी सन्तान
जब देश में हर ओर था हाहाकार
तब बुलन्द था पूरब में हुुंकार
सूर्योदय की पावन भूमि पर
मोजी रीबा ने लिया अवतार
वीर जवानों के संग मिलकर
गोरों से लड़ता रहा वो डटकर
फिर उसने तिरुंगा लहराया था
पहले पहल दीपा की सरज़मीं पर।
3. सिक्किम का राज्यगीत
भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित एक खूबसूरत राज्य है सिक्किम। यह चारों ओर ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से घिरा हुआ है और दूर-दूर तक हरियाली फैली हुई है। प्राकृतिक सुंदरता के कारण यह एक लोकप्रिय और खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है। यहां मुख्य रूप से भोटिया, लेपचा और नेपाली समुदायों के लोग रहते हैं और सारे पर्व मनाएं जाते हैं। इस राज्य को समर्पित गीत में बताया गया है कि कैसे किसी भी धर्म की परवाह किए बिना, वीरों ने कदम से कदम मिलाकर आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लिया।
गीत के बोल इस प्रकार हैं –
बापू र नेहरू सुभाषचन्द्र जस्ता,
जन्मिएको देश हाम्रो ।
मन्दिर, मस्जिद, गिर्जाघरहरू,
मिलेको छ राम्रो।
कास्मिर देखि कन्याकुमारी सम्म,
यो देश हाँसेको।
हिन्दु,मुस्लिम, शिख भाई-भाई,
मिलेर बाँचेको।
4. राजस्थान
क्षेत्रफल के अनुसार, भारत का सबसे बड़ा राज्य है राजस्थान। यह राज्य अपनी लोक संस्कृति, खानपान, परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत के लिए मशहूर है। इस राज्य को समर्पित गीत में बताया गया है कि कैसे राजस्थान के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इस गीत में बताया गया है कि राज्य के लोग कैसे गांधी और नेहरु के बताए रास्ते पर चले और आज़ादी हासिल की-
घर-घर खादी गाभा बणगी, चाल्यौ चरखो सरणाट
छोड भणाई निकळ्या सैनिक, तजिया ठाट अर बाट
एक ही सुर हो एक बात हो, भोम वीरां री बाजै
उण धरती पर कियां जबरिया गोरा आय बिराजै
राज गयौ, रजवाड़ा बीत्या, पण वीर रैया अणजांण
प्राण दियां जस मानै ऐड़ी भौम है राजस्थान….
5. सिंधी
भारत के पश्चिमी हिस्से और मुख्य रूप से सिन्ध प्रान्त में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है सिंधी। यह सिधी, हिन्दू समुदाय की मातृ-भाषा है। गुजरात के कच्छ जिले में सिंधी बोली जाती है और वहाँ इस भाषा को ‘कच्छी भाषा’ कहते हैं। इस भाषा में लिखे गए गीत में एक वीर की कहानी को बताया गया है कि किस प्रकार निडरता से उसने अंग्रेजी हुकूमत से टक्कर ली और गुलामी की बजाय लड़ते हुए शहीद होना चुना। गीत के बोल कुछ इस प्रकार हैं –
हिंदी अनुवाद–
हेमूं ! तुमने हारकर माँ का...
तो चलिए जानें भारत के कुछ राज्यों को समर्पित अलग-अलग गीतों के बारे में-
1. उत्तराखंड का राज्यगीत,
उत्तर भारत में स्थित राज्य, उत्तराखंड का निर्माण साल 2000 में कई वर्षों के आंदोलन के बाद किया गया था। पहाड़ों से घिरे इस राज्य को समर्पित गीत में राज्य की प्राकृतिक सुंदरता का बखान किया गया है।
गीत की कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं –
दूर तक फैली हुई हैं
पर्वतों की श्रृंखलाएँ
फरफराती है उनीले
श्वेत मेघों की ध्वजाएँ।
दूर तक फैली हुई हैं पर्वतों की श्रृंखलाएँ…
2. अरुणाचल प्रदेश
उत्तरपूर्व में स्थित राज्य है अरुणाचल प्रदेश। अरूणाचल प्रदेश का अर्थ है, ‘उगते सूरज की भूमि’। क्षेत्रफल के हिसाब से यह पूर्वोत्तर के राज्यों में सबसे बड़ा राज्य है। अरुणाचल प्रदेश को समर्पित गीत में राज्य के वीरों की बात की गई है कि किस तरह से उन्होंने पूरे साहस और वीरता के साथ आज़ादी की लड़ाई में अंग्रेजों से लोहा लिया था। गीत की कुछ पंक्तिया इस प्रकार हैं –
गुलामी की काली रातों में
जब डूबा था अपना ये वतन
आज़ाद सवेरा लाने को
कुर्बान हुए थे कितने रतन
हर सुख और चैन गंवाकर जो
अर्पित कर दी थी तन-मन-धन
उस समर में थे शामिल हुए
अरुण की आँचल के भी सन्तान
जब देश में हर ओर था हाहाकार
तब बुलन्द था पूरब में हुुंकार
सूर्योदय की पावन भूमि पर
मोजी रीबा ने लिया अवतार
वीर जवानों के संग मिलकर
गोरों से लड़ता रहा वो डटकर
फिर उसने तिरुंगा लहराया था
पहले पहल दीपा की सरज़मीं पर।
3. सिक्किम का राज्यगीत
भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित एक खूबसूरत राज्य है सिक्किम। यह चारों ओर ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से घिरा हुआ है और दूर-दूर तक हरियाली फैली हुई है। प्राकृतिक सुंदरता के कारण यह एक लोकप्रिय और खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है। यहां मुख्य रूप से भोटिया, लेपचा और नेपाली समुदायों के लोग रहते हैं और सारे पर्व मनाएं जाते हैं। इस राज्य को समर्पित गीत में बताया गया है कि कैसे किसी भी धर्म की परवाह किए बिना, वीरों ने कदम से कदम मिलाकर आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लिया।
गीत के बोल इस प्रकार हैं –
बापू र नेहरू सुभाषचन्द्र जस्ता,
जन्मिएको देश हाम्रो ।
मन्दिर, मस्जिद, गिर्जाघरहरू,
मिलेको छ राम्रो।
कास्मिर देखि कन्याकुमारी सम्म,
यो देश हाँसेको।
हिन्दु,मुस्लिम, शिख भाई-भाई,
मिलेर बाँचेको।
4. राजस्थान
क्षेत्रफल के अनुसार, भारत का सबसे बड़ा राज्य है राजस्थान। यह राज्य अपनी लोक संस्कृति, खानपान, परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत के लिए मशहूर है। इस राज्य को समर्पित गीत में बताया गया है कि कैसे राजस्थान के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इस गीत में बताया गया है कि राज्य के लोग कैसे गांधी और नेहरु के बताए रास्ते पर चले और आज़ादी हासिल की-
घर-घर खादी गाभा बणगी, चाल्यौ चरखो सरणाट
छोड भणाई निकळ्या सैनिक, तजिया ठाट अर बाट
एक ही सुर हो एक बात हो, भोम वीरां री बाजै
उण धरती पर कियां जबरिया गोरा आय बिराजै
राज गयौ, रजवाड़ा बीत्या, पण वीर रैया अणजांण
प्राण दियां जस मानै ऐड़ी भौम है राजस्थान….
5. सिंधी
भारत के पश्चिमी हिस्से और मुख्य रूप से सिन्ध प्रान्त में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है सिंधी। यह सिधी, हिन्दू समुदाय की मातृ-भाषा है। गुजरात के कच्छ जिले में सिंधी बोली जाती है और वहाँ इस भाषा को ‘कच्छी भाषा’ कहते हैं। इस भाषा में लिखे गए गीत में एक वीर की कहानी को बताया गया है कि किस प्रकार निडरता से उसने अंग्रेजी हुकूमत से टक्कर ली और गुलामी की बजाय लड़ते हुए शहीद होना चुना। गीत के बोल कुछ इस प्रकार हैं –
हिंदी अनुवाद–
हेमूं ! तुमने हारकर माँ का...