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चोरी एक अच्छी आदत 🌼🌼
हेलो दोस्तों मैं आप सबकी प्यारी मुस्कान एक बार फिर से आपका स्वागत करती हूं अपनी काल्पनिक कहानियां में,,

तो दोस्तों जैसा की आप जानते ही हैं की मेरी सारी कहानियां काल्पनिक होती हैं ,, लेकिन उसका थोड़ा बहुत वास्ता हकीकत से भी होता है,,

मेरे प्यारे दोस्तों तो शुरू करते हैं आज की कहानी जिसका नाम है ,,

" 🌼चोरी एक अच्छी आदत"🌼

I know,, मेरे प्यारे दोस्तो आप यही सोच रहे होगे कि भला चोरी एक अच्छी आदत कैसे हो सकती है,,

शायद आपको ये भी लग रहा होगा कि ये मुस्कान पागल हो गई है,,

लेकिन अगर आप इन सब सवालों के जवाब
जानना चाहते हैं,,
तो मेरी आपसे विनती है कि please इस कहानी को पूरा पढ़ें,,

ये कहानी है एक मध्यम वर्गीय परिवार की ,, जिस परिवार में आकाश अपनी wife ,, आशा के साथ रहता था,, ओर
उनके दो बेटे थे एक का नाम था मोहन
ओर दूसरे का नाम था श्याम ,,

आकाश सारा दिन काम करता ताकि
वो अपने बच्चो का पालन पोषण ठीक
से कर पाए,,

आकाश जब थक कर घर आता तो उसकी wife उसे बड़े प्यार से खाना परोसती ,, लेकिन आशा की एक बुरी आदत थी ,, ओर वो आदत थी बिन पूछे आकाश की पैंट से पैसे निकाल लेने की,,

उसके मायके वाले उसे
हमेशा समझाते कि बेटा अपनी इस
आदत को सुधार ले लेकिन शायद ये अब संभव ना था,,

जब भी आकाश घर खाने खाने आता तो आशा उसकी जेब से 10,20 रुपए निकाल लेती ये रकम इतनी छोटी थी कि आकाश को पता भी नहीं चलता था,,

सब कुछ ठीक चल रहा था कि फिर एक दिन आकाश के छोटे बेटे श्याम की तबियत अचानक ख़राब हो गई,,

docter ने opretion करने को बोला
लेकिन opretion में पूरे दो लाख का खर्चा था ,, आकाश के पास इतने पैसे नहीं थे क्युकी वो जो भी कमाता खाने पीने में ही लग जाता था ,,

आकाश को समझ नहीं आ रहा था कि वो अब क्या? करे उसने अपने सारे reletives को phone kiya or help
मागी wo roya गिड़गिड़ाया हर मुमकिन प्रयास किया पर निराशा ही हाथ लगी,,

तभी अचानक आशा को उन पैसों का याद आया कि वो जो पैसे आकाश की जेब से चुराया करती थी उससे शायद कुछ help ho ske,,

आशा जाती है और अलमारी खोलती है और पैसे निकालकर गिनने लगती है
उसने धीरे धीरे करके करीब डेढ़ लाख
रुपए इकट्ठे कर लिए होते हैं,,

आकाश बहुत ही अचनभा रह जाता है ये सब देखकर वो आशा से पूछता है
की तुम्हारे पास इतने पैसे कहां ? से आए ,,

आशा अपनी बुरी आदत के बारे में सबकुछ अपने पति को बता देती है
ओर वो उससे माफ़ी भी मागती है,,

आशा को लगता है कि आकाश उस पर गुस्सा करेगा पर होता कुछ यूं है कि
जिसकी आशा ने कल्पना भी नहीं की होती,,

आकाश कहता है पागल ये बुरी नहीं एक अच्छी आदत है ,, आज तुम्हारी इसी बुरी आदत के कारण हम अपने
बच्चे को बच्चा पाए,, ओर हा next time se ,,

तुम्हे मुझसे झूठ बोलने की
जरूरत नहीं है तुम मुझे सबकुछ बता सकती हो अपनी हर problem शेयर कर सकती हो हम दोनों मिलकर उसे साथ में slove करेंगे,,

कहानी ख़तम होती हैं एक Happy Ending ke sath 😊 आकाश ओर आशा पहले की तरह खुश रहने लगे ,, अब आशा आकाश से कुछ भी नहीं छुपाती थी,,


इस कहानी को लिखने का मेरा उद्देश्य: बस इतना सा है कि कई बार
हमारी बुराइयां भी हमसे कुछ अच्छा करवा देती है ,,

वैसे सब की नज़रों में चोरी एक crime है एक बूरी आदत है मै जानती हूं लेकिन हमे ये भी जानने की कोशिश
करनी चाहिए कि ये crime किस कारण से किया गया है,,

sorry agr kuch galt keh diya ho ya likh diya ho aapki is jhlli muskaan ne to chota or nadan smjh kr maff kr dena,,

आपकी प्यारी मुस्कान ✍️🌼🌼😊





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