में खयाल कोई...!!!!
में खयाल कोई, तू कविता पुरानी लगती है...
मेरी आंखे किसी मेखाने सी लगती है।।
मेरे हर पल का सारांश, तेरी आस में सिमटती है...
में ख़ामोश ध्वनि, तू मेरी एक लौती आवाज़ लगती है।।
दूर रहने की जब बात आए, मुझे सारी खुशियां बेघानी सी लगती है...
मेरे बंजर पड़े संसार में, तू खिला एक हसीन गुलाब लगती है।।
मेरे हर नए दिन की पहली आस जैसे चाय, तू मेरे दिल की वो ज़रूरीयात लगती है।।
बेताबी जैसे होती है कुल्हड़ को चाय की, मेरी आंखो को बस चाह तुम्हारी लगती है।।
काग़ज़ जिस तरह सुना रहता कलम से मिलने के पहले, तू ज़िन्दगी में मेरी वो जरूरी स्याही सी लगती है।।
यूं तो ज़िन्दगी ख्वाब ही है, पर उस ख्वाब का हसीन मुकाम तू लगती है।।
में खयाल कोई, तू कविता पुरानी लगती है.....
- @bhattsameer
#love #poetry #kavita #dreams #khayal
© शून्य (bhattsameer)
मेरी आंखे किसी मेखाने सी लगती है।।
मेरे हर पल का सारांश, तेरी आस में सिमटती है...
में ख़ामोश ध्वनि, तू मेरी एक लौती आवाज़ लगती है।।
दूर रहने की जब बात आए, मुझे सारी खुशियां बेघानी सी लगती है...
मेरे बंजर पड़े संसार में, तू खिला एक हसीन गुलाब लगती है।।
मेरे हर नए दिन की पहली आस जैसे चाय, तू मेरे दिल की वो ज़रूरीयात लगती है।।
बेताबी जैसे होती है कुल्हड़ को चाय की, मेरी आंखो को बस चाह तुम्हारी लगती है।।
काग़ज़ जिस तरह सुना रहता कलम से मिलने के पहले, तू ज़िन्दगी में मेरी वो जरूरी स्याही सी लगती है।।
यूं तो ज़िन्दगी ख्वाब ही है, पर उस ख्वाब का हसीन मुकाम तू लगती है।।
में खयाल कोई, तू कविता पुरानी लगती है.....
- @bhattsameer
#love #poetry #kavita #dreams #khayal
© शून्य (bhattsameer)