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लड़की का खौफ
देख कर देश के हालात एक सवाल जहन में आया है,
लोगो की दरिद्रता का खौफ लड़कियों पर क्यों छाया है,
गली मोहल्ला या घर बार, कहीं भी बेटियां सुरक्षित नहीं,
कानून बड़े बनाने वाले तो है पर बेटियों का कोई रक्षक नहीं,
घर से बाहर निकालने पर बेटियां डरती रहती है,
फिर भी ताना बेटी सुने कि उसी की गलती रहती है,
लोग कहते है पांव पर खड़ा कर बेटियों को
फिर क्यों वो सुरक्षा से वंचित रहती है,
आप खुद सोच कर देख लो सोच ये वाजिब है,
खुद के घर तक में बेटियां सुरक्षित नहीं, लगता बड़ा अजीब है,
लगा इल्जाम कपड़ों पर बेटियों को कोसा जाता है,
फिर क्यों एक साड़ी पहने लड़की को रास्ते में रोका जाता है,
वो रोती चीखती चिल्लाती,पर हैवानों पर असर नहीं,
जला कर राख कर दिया, अब उसके बदन की भी खबर नहीं,
क्या आपको लगता है कि उस लड़की को इंसाफ मिल पाएगा,
आखिर क्या गलती थी उसकी, इसका जवाब मिल पाएगा,
क्या उन हैवानों का नाता किसी दर से नहीं है,
उनके जैसा खौफ किसी ज़हर में नहीं है,
फिर भी बेझिझक हो कर एक सवाल पूछना है उनसे,
क्या बहू, बेटियां और बहन तेरे घर में नहीं है,
शायद तुम्हारी हरकतों से तुम्हारा खानदान शर्मसार होता होगा,
देख कर बिना कपड़ों कि लाश अपनी बेटी की, एक बाप भी लाचार होता होगा,
किसी के कलेजे के टुकड़े को तोड मरोड़ कर फेंक दिया तुमने,
सोच कर रूह कांपती है कि दुनिया मे ऐसा भी गुनहगार होता होगा,
कभी निर्भया, कभी प्रियंका, कभी एक नन्ही सी जां होती है,
कभी बेटी, कभी बहू, कभी एक बच्चे की मां होती है,
ना जाने कौन उनका अगला शिकार होगा,
जब एक दफा फिर ये देश शर्मसार होगा,
उनकी दरिंदगी को अंजाम देने से पहले ही इन हैवानों को सजा दो,
चाहे मत बनाओ कोई कानून, पर बेटियों के हाथ में पिस्तौल थमा दो,
वो खुद कर लेंगी अपनी रक्षा देगी दुर्गा या मां काली बन कर,
बेखौफ हो कर चल पाएंगी शायद वो भी अकेली सड़क पर,
फिर खौफ के आगे गिड़गिड़ाकर, लड़की को लाचार होना नहीं पड़ेगा,
लगा बेटी कि तस्वीर सीने से, उस मां को रात भर रोना नहीं पड़ेगा।

Save daughter, protect daughter 🙏🏻
।।जय हिन्द।।

© SHASHI