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समय पर सही फैसला
*बुद्धि का प्रयोग* मेघा को चित्रकारी का बहुत शौक था। एकबार वह "प्रयास समिति" द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में भाग ली। वह *आदर्श ग्राम* का चित्र बनाना चाहती थी।
प्रतियोगिता प्रारंभ हुई। पूरे बच्चे मन लगाकर चित्र बना रहे थे। मेघा भी ध्यान लगाकर अपने काम में व्यस्त थी,पर जब रंग भरने लगी तो उसने देखा कि उसके पास पत्तियों में भरने के लिए हरा रंग नहीं है। जिसके बिना उसकी चित्र कुछ अधूरा लग रहा था। उसका मन उदास हो गया।
तभी उसके मन मे एक विचार आया। उसने हरे पेड़ों के स्थान पर पेड़ के खूंटे बना दी । खूंटे में पानी देते हुए बच्चों , कुछ लोगोंको भी वह चित्र में बना दी।
प्रतियोगिता समाप्त हुई। सभी बच्चों के चित्रों का प्रर्दशनी लगाया गया। बच्चों को उनके द्वारा बनाए गए चित्रों के बारे में निर्णायक मंडल द्वारा बनाए गए चित्र से संबंधित कुछ प्रश्न पूछे गए।
मेघा से भी प्रश्र पूछा गया । मेघा का उत्तर था,"आदर्श ग्राम वह है जो एक-एक पौधे को बचाने का प्रयास करता है।" जिसे आज के समय में प्रथम प्राथमिकता देना चाहिए।
मेघा द्वारा बनाए गए चित्र के संदेश सभी को बहुत उपयोगी लगा। मेघा बिना घबराये अपने कार्य को बखूबी से निभाकर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त की।समय पर लिए गए फैसले हमारे लिए उपयोगी होते है।

रीता