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श्रद्धा
*घूम रहा इंसान आज- कल न जाने कितने मुखड़ों में।*
*बांट दिया है प्यार देख लो कैसे पैंतीस(35)टुकड़ों में।।*


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एक छोटा सा संदेश / विनती....

जब हमारे माता पिता जन्म देकर हमें पढ़ा लिखा सकते हैं सभी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करा सभी सुविधाएं दे सकते हैं तो वह हमारे लिए जीवनसाथी चुनने में कैसे गलती कर सकते हैं, हम लगभग 20 22 वर्ष के हैं लेकिन उन्होंने हमसे दुगनी अपने जीवन की यात्रा तय की है और हमसे कहीं अधिक देखा, समझा, और पढा है, वह स्वयं हमसे ज्यादा हमारे दुख दर्द को समझते हैं और हमारे हित में हमें अच्छे बुरे का बोध भी कराते हैं, वह हमारी सोच से भी बेहतर हमारे लिए जीवनसाथी का चुनाव कर सकते हैं, अच्छा घर और वर दोनों ही वह खुद अपने स्तर से बढ़कर प्रदान करने की कोशिश करते हैं, अन्यथा की स्थिति में भी हमें हालातों को समझना चाहिए..
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने स्वयं कहा है, कि *"यदि किसी का पिता दुराचारी भी हो, तब भी पुत्र का धर्म है, वह अपने पिता को भगवान की तरह पूजे"*
आपसे विनम्र निवेदन है कि भारत के रीति-रिवाजों का खंडन ना हो, अपनी संस्कृति और सभ्यता को बनाए रखने के लिए मां-बाप की इज्जत बचाए रखने के लिए माता पिता और परिवार पर भरोसा करना सीखें, परिवार से ज्यादा सगा हमारा कोई नहीं हो सकता, माता पिता अपने बच्चे के लिए, खासकर बेटियों के लिए दुनिया की खुशी, उनके कदमों में ला कर रखना चाहते हैं,
आप स्वयं को इतना ताकतवर बनाए कि कोई कुछ भी गलत करने से पहले हजार बार सोचे, आंखों में आंखें डाल कर बात करने की जुर्रत ना कर पाए , इतना तेज आपकी आंखों में हो, कि मारना तो बहुत दूर की बात है कोई हाथ ही लगा कर देखे...

आप हिंदुस्तानी शेरनी हैं आपको हिंदू होने पर गर्व होना चाहिए और देव स्वरूपा शक्ति की प्रतिमूर्ति का आभास रखने के लिए सदैव स्मरण होना चाहिए कि....

*नारी शक्ति की चीख सुनू तो खून खौलता है मेरा।*
*शैतानी मुंड़ उतारण को मैं भी दुर्गा बन सकती हूं।।*
© अनुराग तिवारी