#dil ek kasak
वो एक सफर सा था जीसे मैं तय ना कर सका,
एक कसक सी रह गयी वहां जिस दील में वो रेह ना सका।
सपनो के समंदर में हकीक़त की लहरों से हुआ कुछ यूं सामना,
पतवार ना रहा,और कश्ती को मेरे किनारा मील ना सका।
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एक कसक सी रह गयी वहां जिस दील में वो रेह ना सका।
सपनो के समंदर में हकीक़त की लहरों से हुआ कुछ यूं सामना,
पतवार ना रहा,और कश्ती को मेरे किनारा मील ना सका।
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