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"अधूरी चित्रकारी" (The incomplete painting)
समीर एक आर्कियोलोजिस्ट(पुरातत्व खोजी)था।
हर समय उसका सामना किसी न किसी हैरतअंगेज वाकये से होता रहता था कभी किसी खोज के लिए उसे हैदराबाद से बाहर भी रहना पड़ता था उसका सारा दिन इन्हीं खोजों और उनसे जुड़े हर एक घटनाओं को सुलझाने और उन पर सर्च करने में निकल जाता था,शायद इसी लिए ३८वर्ष का हो जाने पर भी उसनें अब तक विवाह नहीं किया था क्योंकि वो भलीभाँति जानता था कि उसके लिए घर परिवार को वक्त देना बेहद मुश्किल होगा,असल में वो खुद भी जब किसी घटना विशेष से जुड़ता था तो पूरी तरह उसमें ही रम जाता था।
एक दिन की बात है समीर अपने घर में बने ओफिस में बैठा हुआ था कि उसका मोबाईल बज उठा उसनें स्क्रीन पर देखा सत्येंद्र सर थे उसनें जल्दी से फोन रिसीव किया दूसरी तरफ से सर की आवाज आई अरे समीर जल्दी यहाँ पहुँचो एक नई चीज़ आई है आज ब्यूरो में समीर ने हामी भर दी और घर से तुरंत बाहर निकल गया और कार स्टार्ट कर दी रास्ते भर वो सोचता रहा कि आखिर ऐसी कौन सी चीज़ हो सकती है कि सत्येंद्र सर इतनें उत्साहित लग रहें थे यही सब सोचते हुए वो ब्यूरो पहुँचा,उसे देखते ही सत्येंद्र सर बोले आओ देखो ये पेन्टिंग और उन्होंने एक पेन्टिंग की ओर इशारा किया पेन्टिंग एक खूबसूरत स्त्री की थी वो गौर से पेन्टिंग देखने लगा तो उसे एहसास हुआ कि पेन्टिंग लगभग १००,१५० साल पहले की है तभी उसकी नज़र पेन्टिंग के उपर लिखें एक लाईन पर गई जिसमें लिखा था "द इन कम्पलीट पेन्टिंग" समीर ने सत्येंद्र सर से पूछा कि सर ये पेन्टिंग तो मुझे कहीं से भी अधूरी नहीं लगतीं तो फिर इसके उपर इस टैग लाइन को रखने की क्या आवश्यकता थी? सत्येंद्र सर हंसते हुए बोले यही तो इस पेन्टिंग का पंच है समीर और इसलिए मैने तुम्हें बुलाया है क्योंकि मुझे मालूम है कि तुम हर एक वस्तु को बहुत गहराई से देखते व सोचते हो इसलिए ये पेन्टिंग घर ले जाओ और इस पर सर्च करो तुम्हें जिस चीज़ की भी आवश्यकता होगी तुम्हें दे दिया जायेगा हो न हो इस तस्वीर में अवश्य कोई रहस्य है।
समीर ने सत्येंद्र से कहा"ठीक है सर मै अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूँगा इस रहस्य पर से पर्दा उठाने की "और वो पेन्टिंग अपने साथ ले आया,घर आकर उसने तस्वीर अपने औफिस में रख दी और खाना खाकर वो सीधे औफिस में जाकर बैठ गया उस तस्वीर के सामने, तस्वीर एक २५ से ३० के मध्य एक युवती की थी रंग गंदुमी और तीखे नयन नक्श, समीर ने देखा बेहद खूबसूरत होते हुए भी युवती के चेहरे पर ताजगी नहीं है बल्कि वो कुछ उदास सी लग रही है,आखिर किसने बनाई होगी इसकी पेन्टिंग और ये क्यों उदास है समीर सोचता रहा।

क्या समीर ये पता लगा पायेगा कि पेन्टिंग में इन कम्पलीट का टैग क्यों लगा है?
युवती का चेहरा क्यों उदास है जानने के लिए पढ़िए इस कहानी का दूसरा भाग । (समाप्त)
© Deepa