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बेमेल विवाह।
मंगलम भगवान विष्णु, मंगलम...

अभी,विवाह की पूजन-रीतियों का आरंभ ही हुआ था कि सामने पुलिस को देखकर सब दंग रह गये।
पंडित जी,आप खड़े हो जाइए। एक पुलिस वाले ने कहा।
गिरफ्तार कर लो,जयशंकर और दीनदयाल को, इंस्पैक्टर ने कहा।
वधू पक्ष में और वर पक्ष में हलचल मच गई।जयशंकर की पुत्री चारू का दीनदयाल के पुत्र निखिल के साथ आज विवाह था।
लेकिन आप हमें पुलिस स्टेशन क्यों ले जा रहे हैं,
दीनदयाल और जयशंकर ने एक साथ पूछा।
मानवाधिकार आयोग द्वारा आपके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई है कि इस विवाह में एक करोड़ रुपए का लेन देन हुआ है और विवाह में कन्या की आयु 21 वर्ष और लड़के की आयु 44साल,यह भी बेमेल है।उन्होंने प्रमाण भी दिये हैं।आपको इस संबंध में बयान देने के लिए थाने चलना होगा।
दीनदयाल और जयशंकर दोनों के पैरों तले जमीन निकल गई। जयशंकर ने अपनी जमीन बेचकर इस रकम का इंतजाम किया था।उन दोनों ने थाने पहुंच कर अपने बयान दर्ज करवाये।
दारोगा साहब,यह शिकायत किसने लिखवाई है?
दीनदयाल ने नम्रतापूर्वक पूछा।
दीनदयाल जी,आपने जिन्हे जमीन बेची, उन्होने ही यह.शिकायत दर्ज करवाई है।वे मानवाधिकार में सचिव के पद पर हैं।उन्होने लिखवाया है कि आपने तीन करोड़ की जमीन बेची है जिसमें एक करोड़ रुपए का अग्रिम भुगतान यह आपको दे चुके थे।इसकी सूचना इनहोंने इन्कम टैक्स विभाग को और अपने विभाग को दे दी।मानवाधिकार के चेयरमैन ने लिखित शिकायत दर्ज करवाई हैकि आप बेमेल विवाह करवाकर
दहेज प्रथा को बढ़ावा दे रहे हैं।आप धन का लालच देकर समाज के और लोगों के लिए खाई खोद रहे हैं।
दारोगा साहब,आप हमें क्षमा कर दीजिए। दीनदयाल और जयशंकर ने एक साथ कहा।
अब आप मानवाधिकार को ही उनकी शिकायत के संबंध में अपना स्पष्टीकरण दीजिए।
दारोगा साहब,हम आपको अपनी माफीनामा लिखकर देते हैं।
ठीक है,
हम आपकी शिकायत का जवाब मानवाधिकार आयोग को ई मेल द्वारा सूचित कर देते हैं।
आप भी कल मानवाधिकार आयोग को अपना
जवाब भेज दीजिए।
अगले दिन, उन दोनों ने मानवाधिकार आयोग जाकर लिखित रूप से क्षमा मांगी और तय किए गए विवाह को निरस्त किया।
जयशंकर और दीनदयाल अब घनिष्ठ मित्र बन गए थे।

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