इंतज़ार
जयपुर का अरूण आज पहली पोस्टिंग के लिए पाकिस्तान रवाना हो रहा है!
"लेफ्टिनेंट अरूण तुम वहाँ अकेले जा रहे हो
अपना काम पूरी ईमानदारी से कम्पीट करके ही वापस लौटना" करनल राय ने सलूट करते ही अरूण को ओर्डर दिया!
अरूण फलाईट में अपनी बुक पढने में मग्न हैं! "लीव मी प्लीज" तभी उसके कानों में किसी लड़की की आवाज आती है, आपको सुनाई नहीं देता आप मेरे दुप्पटे पर बैठे है जनाब.. ! यह शाहीन है, वह इंडिया किसी शादी से पाकिस्तान अपने घर जा रहीं हैं!
इसी नोकझोक के साथ इनकी मोहब्बत की शुरुआत होती है! ये मुलाकातों का सफर कब शादी की मंजिल तक पहुँच गया पता ही नही चला! बीते कुछ महीनों से दोनों देशों में युध्द के हालात बने हुए हैं!!!
6 महीने बाद शादी कर ली दोनों ने ! " सॉरी शाहीन में तुम्हें शादी के बाद कहीं घूमाने तो दूर अपने घर जयपुर भी नही ले जा पाया "! इस बार बाॅडर से वापस आ जाओ हम साथ ही घर चलेगे' !
होठों पे हंसी और आखों में नमी के साथ शाहीन अरूण को बाय करतीं हैं!
रोज तो अरूण का काॅल अपने आप आ जाता है ,लेकिन कुछ दिनों से अरूण का ना तो कोई फोन ना कोई खबर.... शाहीन उसके ऑफिस के चक्कर लगाते लगाते थक चुकी है !
रोज बाॅडर पर भी फोन लगा कर पूछती हैं! ....
"मम्मी मम्मी, आई एम लेट प्लीज जल्दी करो! मेरी बस मिस हो जाएगी" कहते हुए यश ,शाहीन को आवाज लगाता है! मगर शाहीन टीवी पर न्यूज़ देख कर अपने गुजरे वक्त में खो गई है, सीबीआई जांच के बाद अरूण को मिसिंग लिस्ट में डाल दिया था!
पूरे पांच साल बाद उसकी उम्मीद फिर रंग लाई है !
आशा की नयी किरण उसके जीवन में उजाला करने को तैयार है!!!
✍ranu
© All Rights Reserved
"लेफ्टिनेंट अरूण तुम वहाँ अकेले जा रहे हो
अपना काम पूरी ईमानदारी से कम्पीट करके ही वापस लौटना" करनल राय ने सलूट करते ही अरूण को ओर्डर दिया!
अरूण फलाईट में अपनी बुक पढने में मग्न हैं! "लीव मी प्लीज" तभी उसके कानों में किसी लड़की की आवाज आती है, आपको सुनाई नहीं देता आप मेरे दुप्पटे पर बैठे है जनाब.. ! यह शाहीन है, वह इंडिया किसी शादी से पाकिस्तान अपने घर जा रहीं हैं!
इसी नोकझोक के साथ इनकी मोहब्बत की शुरुआत होती है! ये मुलाकातों का सफर कब शादी की मंजिल तक पहुँच गया पता ही नही चला! बीते कुछ महीनों से दोनों देशों में युध्द के हालात बने हुए हैं!!!
6 महीने बाद शादी कर ली दोनों ने ! " सॉरी शाहीन में तुम्हें शादी के बाद कहीं घूमाने तो दूर अपने घर जयपुर भी नही ले जा पाया "! इस बार बाॅडर से वापस आ जाओ हम साथ ही घर चलेगे' !
होठों पे हंसी और आखों में नमी के साथ शाहीन अरूण को बाय करतीं हैं!
रोज तो अरूण का काॅल अपने आप आ जाता है ,लेकिन कुछ दिनों से अरूण का ना तो कोई फोन ना कोई खबर.... शाहीन उसके ऑफिस के चक्कर लगाते लगाते थक चुकी है !
रोज बाॅडर पर भी फोन लगा कर पूछती हैं! ....
"मम्मी मम्मी, आई एम लेट प्लीज जल्दी करो! मेरी बस मिस हो जाएगी" कहते हुए यश ,शाहीन को आवाज लगाता है! मगर शाहीन टीवी पर न्यूज़ देख कर अपने गुजरे वक्त में खो गई है, सीबीआई जांच के बाद अरूण को मिसिंग लिस्ट में डाल दिया था!
पूरे पांच साल बाद उसकी उम्मीद फिर रंग लाई है !
आशा की नयी किरण उसके जीवन में उजाला करने को तैयार है!!!
✍ranu
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