...

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कल किसने देखा है
कितनी बार लगता है,ये काम कल कर लेंगे
कितनी सारी ख्वाइशों को टाल देते हैं कल पर
और वो कल कभी आता ही नहीं।
जैसे नही आते फुरसत के पल।
इन आंखों में भी कई ख्वाब हैं,जो टाले गए कल पर।
जिन्हे जी लेने की चाह है और अब जिनके बोझ से ढकने लगी है पलकें।
पिछली बरस की ही तो बात है
बर्फबारी हुई थी शिमला में,हमने टिकट कराए थे पर जा नहीं पाए, कोविड हो गया था।
तब ये सोचा था ना अगली जनवरी पक्का जायेंगे।
देखो जनवरी आगी अपने वक्त से।
बर्फ भी पड़ी पर तुम नहीं आए।
हम नही गए और हमने नही देखा लाइव स्नोफॉल साथ में।
स्नोफॉल तो देखा मैने पर अकेले।
और तुम बहुत याद आए,
वो वादे सपने सब याद आए।
तुम नहीं आए,
हम जैसा कुछ भी ना बचा अब मेरे तुम्हारे दरमियान।
मुझे लगा था हमारे पास कितना वक्त है
आज नहीं तो कल कर लेंगे वो सब जो करना है साथ साथ।
तुमने अपने हिस्से का सब कर लिए जो करना था साथ,जो रह गया वो मेरे हिस्से के सपने थे।
चलो कोई बात नही
तुम जीना अपने हिस्से की जिंदगी,जिसके साथ रहना खुश रहना ।
मेरा क्या है मैं तो लिख लेती हूं अपने हिस्से का।


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