माँ का आँचल
बचपन में माँ का आँचल पकड़कर उनके पीछे-पीछे चलती थी ।।
खाना खाके कभी उसमें
मुंह पोछ लेती थी ।।
कभी भाई-बहनों से लड़कर
अपने आसूं ।।
माँ का आँचल दुनिया थी मेरी
सबको हटाकर माँ मुझे
उसमें छुपा लेती थी ।।
सच कहूं...
खाना खाके कभी उसमें
मुंह पोछ लेती थी ।।
कभी भाई-बहनों से लड़कर
अपने आसूं ।।
माँ का आँचल दुनिया थी मेरी
सबको हटाकर माँ मुझे
उसमें छुपा लेती थी ।।
सच कहूं...