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कौन है जो त्यौहारों की सौम्यता छीन रहा है?
त्यौहार... कैसे थे ये त्यौहार, किसी ने शुरू किए और क्यों शुरू किए थे ये त्यौहार?
आज हर कोई त्यौहार की धूम में मग्न है। हर कोई त्यौहार का मज़ा लूटना चाहता है। पर किसने सोचा कि क्या है इन खुबसूरत त्यौहारों का असली मकसद...
आज हर कोई त्यौहारों का असली मतलब, उसका असली मक़सद भूलता जा रहा है।
नौ रात्रि में नौ दिनों तक माता की पूजा अर्चना। उनकी महिमा को बताना और संगीत तथा नृत्य से माता को अपनी श्रद्धा अर्पण करना।
गणेश महोत्सव में भगवान श्री गणेश जी को अपने घरों में स्थापित करना। उसकी सेवा करना उनकी पूजा अर्चना करना। बाप्पा मोरया को अपना अतिथि बनाने का सौभाग्य प्राप्त करना ताकि वो हमारे सुख दुःख करीब से देख पाए। और उन्हें दूर कर दे। ...