गरीब पिता कि लाचारी
दीप अपने माता पिता के साथ एक गांव में रहता था। उसका परिवार बहुत गरीब था।उसके पिता गांव में ही सब्जी की दुकान लगाते थे और उसकी माँ गृहणी थी। दीप बहुत ही लापरवाह और आलसी था। उसके सपने तो बहुत बड़े थे लेकिन, वह उनको पूरा करने के लिये कभी कोई ठोस कदम नही उठाता था। जब कभी कुछ करने के लिए सोचता भी था तो लोगों की बातें सुनकर फिर रुक जाता था। उसे लगता था कि वो कुछ भी नही कर सकता, क्योंकि उसके पास न तो पैसा है और न ही अवसर। उसका गांव भी काफ़ी पिछड़ा था।
दीप की माँ अक्सर बीमार रहा करती थी।उसके पिता जो भी पैसा कमाते थे वो उसकी माँ के इलाज में ही खर्च हो जाया करता था। बीमारी से एक दिन उसके माँ की मृत्यु हो...
दीप की माँ अक्सर बीमार रहा करती थी।उसके पिता जो भी पैसा कमाते थे वो उसकी माँ के इलाज में ही खर्च हो जाया करता था। बीमारी से एक दिन उसके माँ की मृत्यु हो...