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दोषी कौन??
यह एक सत्य घटना पर आधारित कहानी है। बस इसमें व्यक्तियों के नाम, जगह का नाम इत्यादि कुछ फेरबदल किए गए हैं।

हिमानी पंजाब के मानसा जिले की रहने वाली 22 वर्षीय लड़की थी। वह पास ही के काॅलेज से बीए की पढ़ाई कर रही थी। उसके घर में उसके मम्मी, पापा, भाई और बहन थे। उसके पापा मज़दूरी करके घर  खर्च चलाते थे। उसकी मम्मी अपने पति की मदद करने के लिए सिलाई का काम करती थी।

तीनों भाई बहनों में हिमानी सबसे बड़ी थी। हिमानी से छोटा उसका भाई नितिन था। नितिन ने बाहरवी के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी और सारा दिन अपने दोस्तों के साथ घूमता रहता था। सबसे छोटी मीरा थी। वह बाहरवी की पढ़ाई कर रही थी।

हिमानी भी घर खर्च के लिए बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करती थी। सब कुछ अच्छे से चल रहा था कि अचानक हिमानी की जिंदगी में एक लड़का आया, जिसका नाम विक्की था। विक्की हिमानी के ही काॅलेज में पढ़ता था। विक्की ने पहली बार हिमानी को काॅलेज में ही देखा था और देखते ही वह हिमानी को पसंद करने लग गया था।

जब विक्की ने हिमानी को प्रपोज किया तो हिमानी ने अपने घरवालों के डर से उसको मना कर दिया, पर विक्की ने हार नहीं मानी। वो हर रोज हिमानी का दिल जीतने के लिए कुछ न कुछ करता रहता। हिमानी भी कब तक उसको नजरंदाज कर पाती, आखिरकार उसने भी विक्की से अपने प्यार का इकरार कर दिया।

दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे और एक-दूसरे के साथ बहुत खुश थे। दोनों काॅलेज में काफी समय साथ में बिताते थे और कभी-कभी बाहर घूमने भी चले जाते थे। हिमानी बहुत खुश थी कि उसे विक्की जैसा पार्टनर मिला, पर उसे इस बात का डर भी था कि अगर घर पर ये बात पता चल गई तो क्या होगा। पर वह खुद को यह कहकर समझा लेती कि अब जब प्यार कर ही लिया है तो सबका सामना भी करूंगी और सबको मनाकर विक्की से शादी करूंगी।

धीरे-धीरे समय बीतता गया और उनके रिलेशनशिप को एक साल पूरा हो गया। समय के साथ-साथ उनका प्यार और भी गहरा होता चला गया। अब दोनों में से किसी के लिए भी एक-दूसरे के बिना रहना संभव नहीं था। रिलेशनशिप के एक साल पूरा होने की खुशी में दोनों काॅलेज बंक करके बाहर घूमने गए, पर उन्हें क्या पता था कि इस खुशी के बाद उनकी जिंदगी में क्या तूफान आने वाला है।

वो दोनों अपनी ही मस्ती में बाइक पर सवार होकर जा रहे थे कि रास्ते में हिमानी के भाई ने उनको देख लिया। जब तक वह कुछ बोलता, वो दोनों वहां से निकल गए थे। नितिश ने घर जाकर सबको यह बात बता दी। हिमानी जैसे ही घर आई सब उस पर बरस पड़े और पूछने लग गए कि कौन था वो, जिसके साथ अपना मुंह काला करवा रही थी??

हिमानी अवाक रह गई कि घर पर ये सब कैसे पता लगा। उसके पापा ने उसकी बहुत पिटाई की और कहा,"तुम्हें काॅलेज पढ़ने के लिए भेजा था या ये सब काम करने के लिए। बस बहुत हो गई पढ़ाई, आज से तेरा काॅलेज जाना बंद।"

हिमानी रोती रही कि ऐसा मत कीजिए, आप एक बार उससे मिल तो लीजिए। उसका नाम विक्की है। हम एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं। पर किसी ने भी उसकी बात नहीं सुनी।

जब विक्की को यह बात पता चली तो वो बिना किसी की परवाह किए हिमानी के घर जा पहुंचा और सबसे कहने लगा,"मैं हिमानी से बहुत प्यार करता हूं और यकीन मानिए मैं उसे हमेशा खुश रखूंगा।"

दोनों की जाति अलग होने के कारण हिमानी के घरवालों ने मना कर दिया और कहा कि अगर जाति समान होती तो इस बारे में सोच भी लेते। पर जाति के बाहर हम शादी नहीं कर सकते, वरना हमारी बिरादरी वाले हमें इस बिरादरी से बेदखल कर देंगे।

विक्की और हिमानी ने सबको बहुत समझाया कि समाज हम सबसे ही बनता है, ना कि हम समाज से। पर किसी ने भी उनकी बात न मानी और विक्की को घर से बाहर निकाल दिया। उसके बाद वो लोग हिमानी के लिए रिश्ता देखने लग गए। उन्हें यूपी के अकबरपुर से एक रिश्ता आया। लड़का सरकारी नौकरी करता था। घर में उसकी मां, पिता और एक बहन थी। हिमानी के पिता ने सरकारी नौकरी को देखते ही हिमानी का रिश्ता उसके साथ तय कर दिया।

उधर विक्की मौका देखकर हिमानी से मिला और उससे कहा कि चलो हम भागकर शादी कर लेते हैं। शादी के बाद धीरे-धीरे सब मान जाएंगे। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं और तुम्हारे बिना नहीं रह सकता।

हिमानी ने इस फैसले में उसका साथ देने से मना कर दिया। उसने कहा कि विक्की मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं, पर मैं भागकर तुमसे शादी नहीं कर सकती। शायद हमारी किस्मत में अलग होना ही लिखा है। मेरे घर में मेरी एक छोटी बहन भी है और मैं नहीं चाहती कि मेरे इस कदम से भविष्य में उसे किसी तरह की परेशानी हो। अगर तुम मुझसे सच में प्यार करते हो तो तुम्हें उसी प्यार की कसम, तुम मुझे भूल जाओगे और हमेशा खुश रहोगे।

विक्की ने भी हिमानी के इस फैसले का सम्मान किया और कहा कि मुझे माफ़ कर दो, मैं स्वार्थी हो गया था और उसने हिमानी को गले लगा लिया। ये दोनों की आखिरी मुलाकात थी, इसलिए दोनों बहुत रोये।

फिर हिमानी अपने घर वापस आ गई और कुछ दिनों में ही उसकी शादी हो गई। ससुराल आने के बाद वो सबकी सेवा में लग गई। विक्की को याद करके वो बहुत रोती, पर इसी को अपना नसीब मानकर उसने समझौता कर लिया।

कुछ दिनों तक सब सही चलता रहा। फिर धीरे-धीरे हिमानी के ससुराल वाले उसको दहेज के लिए तंग करने लगे। हिमानी ने उन्हें कहा कि आपने तो दहेज लेने से मना किया था और मेरे पापा मज़दूरी करके घर चलाते हैं, वो दहेज के लिए रूपए कहां से लाएंगे। जब उसके ससुराल वालों को लगा कि हिमानी उनकी बात नहीं मानेगी तो उन्होंने उसके साथ मार-पीट करनी शुरू कर दी।

हिमानी ने जब यह बात अपने पति को बताई तो उसने भी अपने घरवालों का ही साथ दिया। एक दिन हिमानी ने अपने घर पर फोन करके उन्हें सारी बात बताई और उन्हें वहां आने के लिए कहा। पर मानसा से अकबरपुर काफी दूर था, इसलिए उन्होंने फोन पर ही हिमानी के ससुराल वालों से बात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि कुछ दिनों में वो दहेज के पैसे भेज देंगे। कुछ दिनों बाद हिमानी के घरवालों ने जैसे-तैसे करके उन्हें दो लाख रूपए भेज दिए।

इस तरह सब कुछ ठीक हो गया। अब हिमानी खुश थी कि चलो सब कुछ सही तो हुआ, पर उसके ससुराल वालों का लालच बढ़ता ही गया। उन्होंने फिर से हिमानी को तंग करना और मारना-पीटना शुरू कर दिया। हिमानी ने फिर से अपने घरवालों को ये बात बताई। पर हिमानी के घरवालों ने भी साफ-साफ कह दिया कि अब और रूपयों का इंतजाम करना हमारे बस की बात नहीं है।

हिमानी के मायके वालों की तरफ से ये जवाब सुनकर उसके ससुराल वालों ने हिमानी को जिंदा जला दिया और वहां से भाग निकले। हिमानी के चीखने की आवाज़ सुनकर पड़ोसी वहां आ गए और किसी तरह आग बुझाकर हिमानी को अस्पताल ले गए। पर जब तक हिमानी अस्पताल पहुंची, उसका शरीर 85% तक जल चुका था। पड़ोसियों ने हिमानी के मायके वालों और पुलिस को फोन करके सारी बात बताई।

जब तक हिमानी के घरवाले वहां पहुंचे, तब तक हिमानी इस दुनिया को अलविदा कह चुकी थी। हिमानी के ससुराल वालों को हिमानी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने और उसको जिंदा जलाकर मार देने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया।

अब आप ही तय कीजिए कि इस सब का दोषी कौन है??

हिमानी के घरवाले, जिन्होंने बिना कुछ जांच पड़ताल किए सरकारी नौकरी के लालच में उसकी शादी इतनी दूर कर दी।

खुद हिमानी जिसने अपने ऊपर हो रहे अत्याचार को चुपचाप सहन किया और पुलिस की मदद नहीं ली।

या फिर यह समाज, जो अभी तक जात-पात में ही उलझा हुआ है और न जाने कितनी जिंदगियों की बलि चढ़ा रहा है।

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