...

3 views

बंद दरवाजा भाग - 3
पिछले भाग में हमने देखा कि रजत ने साधु से उस राक्षस को रोकने का उपाय पूछा। तो साधु ने इस पर कहा कि उस राक्षस को रोकने का केवल एक ही उपाय है। उस साधु ने कहा कि एक भयानक जंगल के बीचों बीच एक मायावी तालाब है, जो कि दिन में सूख जाता है और रात में भर जाता है। उस साधु ने रजत को बताया कि यदि उस तालाब के जल को उस राक्षस पर छिड़का जाए तो वह राक्षस फिर से एक मामूली इंसान बन जाएगा। लेकिन उस साधु ने बताया कि उस तालाब में केवल रात को ही जल रहता है और रात को वह जंगल बहुत भयानक बन जाता है। लेकिन फिर भी रजत वहा जाने के लिए तैयार हो जाता है। रात को रजत उस भयानक जंगल में पहुंच जाता है। वह जंगल उसकी सोच से भी ज्यादा भयानक होता है। रात को वहा के पेड़ भी राक्षस की तरह दिखाई दे रहे होते है। चारो ओर से भयानक आवाजे सुनाई दे रही होती है। जैसे तैसे रजत उस तालाब के पास पहुंचता है तो वह देखता है कि उस तालाब का पानी चमक रहा होता है। रजत अपने बैग में से एक लोटा निकालता है और उस तालाब के जल को उस लोटे में भरता है। फिर वह उस जल को लेकर उस साधु के पास आ जाता है। लेकिन वह उस साधु को कहता है कि अब वह उस राक्षस को कहा ढूंढेगा? तो इस पर वह साधु कहता है कि वह उस राक्षस को वहा उनके पास आने के लिए विवश कर सकता है और वह एक विशेष हवन करने लगता है। जिससे वह राक्षस विवश होकर वहा आ जाता है। तभी रजत उस पर उस तालाब के जल का छिड़काव कर देता है और वह राक्षस फिर से एक मामूली इंसान बन जाता है। जिससे उस भयानक राक्षस का अंत हो जाता है। अंत जो कहानी उस बंद दरवाजे से शुरू हुई थी वह अब खत्म हो चुकी थी।
धन्यवाद।
© Mohit