...

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ख़त
प्रिय साथियों,
विषय - इंसानों की फितरत से अवगत कराने बाबत|
आज इंसानों की लापरवाही के परिणामस्वरूप कुछ चीनी के दानों की भरपूर मात्रा प्राप्त हुई है, इनको यहाँ से पहुंचाके हम लोग कई दिन उत्सव मना सकते हैं इसके लिए सभी लोगों को लगना पड़ेगा | इंसानों के इस परिवार में सभी लापरवाह प्रतीत हो रहे हैं, सभी अपने किसी छोटे से यंत्र में लगे हुए है, किसी बड़े इन्सान ने एक दूसरे से बोला भी है कि चीटियां इतनी इकट्ठी क्यों हो रहीं हैं पर दूसरे ने सुना नहीं है, काम वाली बाई के आने का इंतज़ार कर रहे हैं | हमारे पास थोड़ा समय है पूरे चीनी के दाने सुरक्षित पहुंचाने के लिए पर अभी अभी एक खतरा आ गया है सभी लोग तो एक किसी छोटे यंत्र में लगे हैं पर एक इंसानों का छोटा बच्चा है जिसकी नज़र हम पर है और हमे ढेर सारी चीटियां कहके मजे ले रहा है, इससे बचना होगा हमारे कुछ साथियों से चीनी के टुकड़े छुड़ा चुका है और कुछ को मार भी रहा है और एंजॉय कर रहा है | बहुत बढ़िया साथी चींटी तुमने उस इंसानी बच्चे को थोड़ा सबक सिखा दिया है उसके रोने से उसकी माँ उसे ले गई हैं और काम वाली बाई पर गुस्सा निकाल के चली गई हैं साथियों हम लोग एक हैं अपने मकसद में जरूर सफल होंगे, इंसानों की तरह अलग अलग, बिखरे हुए, लापरवाह, दूसरों पे निर्भर नहीं हैं |
सभी को शुभकामनाएं |
आपकी एक साथी
नन्ही चींटी
© Abhishek mishra