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स्वरचित नहीं है, पोस्ट अच्छा लगा तो
OshoThe Great.
**गौमाता और उसकी महत्ता पर ओशो ! **

बहुत साल पहले की बात नहीं है, बस कुछ साल पहले की है। एक महान गुरु थे, रमण महर्षि - एक पूर्ण गुरु थे, अपने दर्शन में। वे एक मूक व्यक्ति थे। बहुत कम शब्द बोलते थे - हर सुबह जब वह एक घंटे तक दर्शन के लिए बैठते थे, लोग उनके साथ बैठने आते थे, एक गाय भी आती थी। गाय इतनी नियमित थी कि कोई अन्य शिष्य इतना नियमित नहीं था - गाय बिल्कुल तीर्थ की तरह थी! नियमित.... बारिश हो सकती है, गर्मी हो सकती है, सर्दी हो सकती है - जो भी हो! -- गाय बीमार हो, या स्वस्थ हो, कुछ भी हो, लेकिन गाय को ठीक समय पर आना ही था।
वह बरामदे में आकर...