दर्द ए गम ज़िन्दगी...
ज़िन्दगी में कभी कभी वो मुकाम भी आता है जब हमें समझ नहीं आता की क्या हो रहा है हमारे साथ लेकिन हमें खुद ही चलना होता है। मेरे किरदार में इस तरह के पड़ाव आएंगे सोचा नहीं था। सब बड़ी बड़ी बातें करते है लेकिन मदद कोई नहीं करता। वक़्त हर जख्म में मरहम बन जाता है और उन्हें ताज़ा भी कर देता है। अब बस ख़ामोशी अच्छी है किसी से कुछ नहीं कहना और ना ही किसी से कोई उम्मीद है। जिससे उम्मीद की उसने दर्द दिया इसलिए अब नहीं बस खुद में जीना है। खुद में ही भरोसा रखना है। वैसे भी हमारे ना होने से दुनिया नहीं रूकती। बस चेहरे बदल जाते है जरूरते बदल जाती है और वक़्त के साथ अपनों के दिल भी बदल जाते है।
एक वक़्त के बाद जब इंसान ही बदल जाये उसके दिल में प्यार नहीं मतलब बस जाये तो हमें समझ आता है की ये सब झूठे रिश्ते नाते है जो हमें अकेले छोड़ कर जाते है और जब हमें जरूरत होती है तब कोई साथ नहीं होता।
© Niharik@ ki kalam se✍️
Related Stories