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बारिश वाला प्यार part 2
हाज़िर हूं एक बार फिर एक छोटी सी कहानी के साथ............



मुझे अच्छे से याद है उस दिन बारिश हो रही थी जब मैंने पहली बार उसे देखा था। उसने Blue Color  की Shirt पहनी हुई थी और Black color   की Jeans हाथ  में phone पकड़े न जाने किस से बात कर रहा था और मैं बस उसे देखे जा रही थी। अचानक उसने मेरी तरफ़ देखा उसकी dark Brown eyes OMG मैंने एक दम अपनी नज़रे गुमा ली फिर अचानक वो मेरे पास आकर बैठ गया। मैं बहुत गबरा रही थी मेरी धड़कन Normal से कुछ Extra ही Fast चल रही थी एक तरफ़ बारिश का शोर और एक तरफ़ मेरी बड़ रही धड़कनो का शोर समझना मुश्किल था किस का शोर जायद था। इन सब के चल ते मैं साथ ही साथ दुआ भी कर  रही थी की ये बारिश कभी न रुके।  लेकिन भाई हमारी इतनी अच्छी किस्मत कहा की जो मांगो और मिल जाए मेरे दुआ करने की देर दी की बारिश रुक
गई।  अभी उसे मेरे पास बैठे 2 मिनट ही तो होए थे की बारिश रुक गई। बारिश रुकते ही मेरी बस आ गई। मैने मन ही मन कहा " हए रे मेरी फूटी किस्मत" लेकिन जब मैं बस में चढ़ी मेरी तो मनो बिन मांगी मुराद पूरी हो गई वो मेरी ही बस में बैठा था मुझसे कुछ sheet आगे मैं तो सातवें आसमान पर उड़ रही थी। मैं पुरे रस्ते उसको देखते रही एक पल के लिए भी मैंने अपनी पलके नहीं झपकने दी।

मेरा Stop आ गया और मुझे न चाहते होए भी बस से मैं थोड़ी सी उदास होगी लेकिन उस वक्त को याद  कर फिर से मुस्करा  उठी। मैं घर आ कर उसी के बारे में सोचने लगी मैं आज बहुत खुश थी होती भी क्यो  न पहली बार कोई अच्छा जो लगा था। मैं अपने room की window से बहार देख रही थी तभी सामने वाले दुकान  वाले भईया के रेडियो पे Song  चलने लगा जो मेरे ही दिल के हल बता रहा। Song सुन मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई।

पहली पहली बार मोहब्बत की है
पहली पहली बार मोहब्बत की है
कुछ न समझ में आये मैं क्या करूँ
इश्क ने मेरी ऐसी हालत की है.......

ये सिसिला ऐसे ही कुछ दिनों तक चलता रहा वो हर रोज़ Bus Stand पर आता मेरे पास बैठता और मैं बस उसे देखते रहती। मैं बहुत ख़ुश रहने लगी थी। मैं दुआ किआ  करती थी की ये बारिश कभी न रुके और मैं रोज ऐसे ही देखती रहू। लेकिन एक बार फिर मेरी किस्मत ने पलटी मारी ली एक हफ़्ते बाद उसका Bus Stand पर आना बन्द कर दिया। मैंने सोचा हो सकता है उसे कोई काम हो लेकिन जब वो एक महीने तक नहीं आया तो मेरा दिल टूट गया मेरा पहला प्यार अधूरा रह गया। कुछ दिन तो मैं Sad रही फिर खुद को समझया की "सब ठीक हो जाएगा,दिल टूट गया तो क्या जीना छोड़ देगी" फिर क्या खुद को बहुत सारी Motivation दी और फिर से पहली वाली लाइफ जीनी start करदी। 

अब इस हादसे को हाँ हादसा ही तो था मेरी ज़िन्दगी में। तो इस हादसे के 2 महीने के बाद मेरी एक Friend रीत की कॉल आई की उसकी वेडिंग है और मुझे पका आने का बोल कॉल कट करदी। मैंने सोचा चलो चली जाती हूँ थोड़ा mind change हो जाएगा। मैंने भी जाने त्यारी start करदी। मुझे अपने बाकी दोस्तों के साथ जाना था तो Next Day हम सब ने shopping  की और शाम को निकल गए रीत की शादी के लिए। हमे Reet के घर जाने में 2 दिन लगने तो हम सब दोस्त गाड़ी में enjoy करते जा रहे थे।  लबे सफ़र के कारन हम सब थक गए थे घर पहुंचते ही हम सब ने rest किया।

अगली सुबह Reet की Mummy ने मझे बोला "बेटा वैशाली तुम्हारी Friend की शादी है ऐसे चुप चाप क्या बैठे हो नाचो गाओ।" हम सब ने एक साथ बोला "जी आंटी" फिर क्या शादी  सब ने खुब धूम मचाई, थोड़ा emotional  भी होए। फिर वो दिन भी आ गया जिस का सब को इतंज़ार था Reet की शादी का दिन। बारात आ गई थी रश्में शुरू होगई थी मैं Reet के पुरे मजे लेने के mood में थी मैंने उसे बहुत तंग करा था। अब ये तो दोस्तों का हक़ होता हैं। हम Reet को फेरों के लेके निचे चले गए। फिर वो हुआ जो मैंने कभी सोचा न था मैं उसे सामने देख कर हैरान थी मेरा दिल बहुत बुरी तरह से टुटा था।  अगर मुझे पता होता के ऐसा होने वाला है तो कभी इस शादी में न आती। कोई कैसे अपने प्यार को किसी और का होते देख सकता है। मेरी आँखों से आँसू बाहर आने लगे
मैंने जैसे तैसे खुद को रोका मैंने reet को मंडप पर बैठा दिया उसने मेरी तरफ़ देखा और आँखे फेरली।  अब मुझसे और नहीं  मैं  कमरे में खुद को बन्द कर फुट फुट कर रोने लगी।  पुरे faction के दौरान मैं कमरे में ही रही विदाई के Time बहार आई और Reet के गले लग कर खुब रोई। सब को लगा के दोस्त जाने का गम हैं लेकिन किसी को क्या पता ये दोस्त के जाने का नहीं दिल टूटने का ग़म है। Reet तो चली गई अपने ससुराल और मुझे दे गई ज़िंदगी भर का ग़म।

वो कहते हैं न प्यार आपकी ज़िंदगी को पूरी रहा से बदल देता है मेरे साथ भी तो भी वहीं हो रहा था, कहा मैं हस्ती खेलती लड़की अब गुम सुम सी हो गई। Reet की शादी से आने के बाद में शांत होगई मैं दिन रात अपने में ही गुम रहती मेरी दादी को तो लगा की मुझे किसी की नज़र लग गई है हर रोज़ पता नहीं क्या करती रहती। थोड़े दिन ऐसे ही निकल गए एक दिन जब मैं घर आई तो हॅसने की आवाज़े आ रही थी जब मैं अंदर गई तो सब एक डीएम शांत हो गए मैंने देखा नानी और मासी आए होए थे मैं उने देख कर बहुत खुश थी। सब ने बैठ कर बहुत देर तक बातें करी। फिर रात में मुझे नानी मासी के आने का अस्ली कारण पता चला Actually मेरे किसी foreign return रिश्ता लेकर आए थे वो लोग जब मुझे पता चला तो मुझे बहुत गुस्सा आया। गुस्से में मैं अपने Room चली गई पूरी रात मुझे ये सब सोच कर नींद नहीं आई के क्या करू क्या नहीं।

Next Day मैंने एक Decision लिया और घर वालों को बता दिया सब बहुत खुश होए because मैंने शादी के हाँ जो बोल दी थी फिर मेरे घर वाले लग गए लड़के की तारीफों के पुल बांधने। मुझे शादी में कोई interest नहीं था मैं अपनी family जे शादी कर रही थी। मैंने तो लड़के की photo भी नहीं देखीं। घर वालों ने लड़के वालों से बात करके बता दिया की मैं शादी के लिए ready हूँ तो वो भी खुश हो गए। Next Day वो लोग सगुन ले कर आने वाले थे|

मेरा बिलकुल भी मन नहीं था उनसे मिलने का लेकिन अब आगे बढ़ने का सोच लिया था तो अब पीछे नहीं हट सकते। यहीं सोच कर मैं ready हो गई। थोड़ी देर में वो लोग भी आ गए फिर वहीं सब हुआ लड़की को लाओ और इधर उधर की बातें लेकिन मैंने एक बार भी चेहरा ऊपर नहीं किया। ऐसे ही सब ने बातें की और रिश्ता पका हो गया। उसी दिन Rings Exchange की गई। उस के बाद वो लोग चले गए। मेरी family बहुत खुश थी और मैं उन खुश देख कर खुश थी।

next day पंडित जी घर आए और Next Month की शादी की date fix होई। अब तो घर में पूरा दिन शादी Related काम होते रहते। लेकिन इन सब में कभी कभी मेरे दिल और दिमाग उस Mr. Ajnabi की याद आ ही जाती। मैंने Mr. Fionse से एक बार भी बात नहीं की थी वो लोग घर भी आने वाले थे पर किसी वजह से नहीं आ पाए और मैं तो बस formality के लिए शादी कर रही थीउ मन नहीं था लेकिन family की ख़ुशी के लिए कुछ भी।  तो मिनट बीते घंटे बीते फिर आए शादी के faction actually शादी के दो दिन बाद ही Mr. Fionse को वापिस भी जाना था। तो हल्दी मेहंदी संगीत की रश्में हुई और finally आया शादी का दिन (हाँ I know आपको सब जाना होता हैं लेकिन इधर इतना ही मिलेगा) फिर सारी रश्में हुई फ़ेरे होए बिदाई हुई और लाड़ो चली गई ससुराल।

मुझे बहुत डर लग रहा था जब में अपने ससुराल पूहुंची तो मैं जैसे तैसे सारी रस्में कर रही लेकिन जब रूम में जाने आई मेरी सांसे सुख रही थी मैं रूम में पूहुंच गई लेकिन जैसे तैसे हिम्मत करके बैठी रही मैं अंदर ही अंदर टूट रही थी थोड़ी देर मे वो रूम में आए मैं लगभग रोने ही वाली वो मेरे पास आए और मेरा घूंघट उठाया लेकिन मैं उनको देख नही रही थी फिर वो बोले यार अब तो देख लो फिर मैंने थोड़ी सी मन मे सोचा अब तो जिंदगी भर इनके साथ ही रहना है तो देख ही लेती हूं मैने जैसे ही उनका चेहरा देखा मैं जोर से चिला दी उन्होंने मुझे चुप करवाते हुए कहा चिला क्यों रही हो
"आप यहां क्या कर रहे हो"
मुझे घूरते हुए "क्यों नही आ सकता"
"बिलकुल अगर आपकी पत्नी को पता चल गया... नही नही.... आप जाओ जल्दी से"मैं बहुत घबरारा रही थी। मेरी बात पर वो हंसने लगे "मैं अपनी बीवी के पास ही हूं"
"नही तो आपकी पत्नी यहां कहा है और मैने देखा था आपकी शादी तो मेरी दोस्त से हुई थी" वो मेरे पास आए और मुझे बाहों में भर लिया "क्या कर रहे है आप"
"🤫 चुप एक दम चुप अब मेरी बात सुनो तुम्हारी दोस्त की शादी मेरे भाई से हुई हम दोनो जुड़वा है समझी" अब मुझे खुद पर हसी आने लगी लेकिन अब शर्म भी आ रही थी। फिर वो बोले "वैसे तुमने अपनी दोस्त की शादी कर कार्ड नही देखा था क्या उसपर मेरे भाई का नाम साफ साफ लिखा हुआ था" मैने मुश्किल से बोला मुझे आपका नाम नही मालूम था
"उफ प्यार भी किया बिना नाम पता जाने... वैसे अभी मेरा नाम मालूम है के नही"
मैने हां में सिर हिला दिया "तो बताओ फिर" मैने शरमाते हुए कहा "राजवीर" उनके चेहरे पर एक प्यारी से मुस्कान आ गई "मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं रोज बस स्टॉप पर तुमको देखने आता था, और उस दिन शादी में तुमको आपने दिल की बात कहना चाहता था पर तुम तो... फिर रिश्ता भेजा लेकिन मैडम तो मुझे देखने को रेडी ही नही थी और आज भी कोई प्लान नही था आपका"
"नही ऐसा नही है"
"तो कैसा है"
"वो मैं भी आपसे बहुत प्यार करती हूं और आपके सिवा किसी और का होना नही चाहती थी लेकिन...."
"लेकिन क्या"
"लेकिन मुझे इस रिश्ते को हां बोलना पड़ा और देखो मुझे आप मिल गए... आई लव यू राज..."
"आई टू लव यू विशु"

उस दिन मेरी मोहब्ब्त परवान हुई थी। और देखो आज तक वो प्यार कायम है।
"वाह भाभी क्या लव स्टोरी है यार आपकी"
"बिलकुल भाभी कीर्ति सही बोली"
"वैसे कीर्ति मेरी लव स्टोरी तो सुन ली खुद भी बता दो"
"क्या भाभी आप भी"
"चलो शुरू हो जाओ"




To be continued........


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