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KHAAR (PART 5)-FIRST STONE
कहानी के पिछले हिस्से में हमने जाना कि किस तरह खार तीन जादूई पत्थरों के बारे में जानता है।
अब इसके बाद खार उस जगह जाने के लिए तैयार हो जाता है जहाँ वो तीन द्वार हैं जिनके पीछे तीन पत्थर हैं।
कुंतू खार को अपने जादू से उस स्थान पर भेज देता है।
खार देखता है कि उसके सामने बड़े-बड़े तीन दरवाज़े हैं।
पहले दरवाज़े पर लिखा था दान, दूसरे पर दया, और तीसरे पर बुद्धि।
खार जैसे ही पहले दरवाज़े की ओर बढ़ता है, दरवाज़ा स्वयं खुल जाता है।
खार देखता है कि दरवाज़े की दूसरी ओर एक सुन्दर राज्य है। खार कुछ देर सोच कर उस दरवाज़े में प्रवेश कर जाता है। खार यह सोचने लगता है कि उसे उस राज्य में पहला पत्थर कहाँ मिलेगा। तभी एक व्यक्ति खार की तरफ़ आता है। वह एक बूढ़ा व्यक्ति होता है। वह व्यक्ति खार से उसका परिचय पूछता है।
खार अपना परिचय देता है और अपने वहाँ आने का कारण भी बताता है।बूढ़ा व्यक्ति खार से कहता है कि, बेटा मैं इस पत्थर के बारे में नहीं जानता। मैं इसमें तुम्हारी कोई सहायता नहीं कर सकता।
बूढ़ा व्यक्ति खार से कहता है, किंतु क्या तुम मेरी एक सहायता कर सकते हो?
खार पूछता है, बताओ बाबा किस तरह की सहायता?
बूढ़ा व्यक्ति कहता है कि इस राज्य में सभी लोग जादूगर हैँ। मैं भी स्वयं एक जादूगर हूँ।जब बचपन में मैंने जादू सीखना शुरू किया था तो एक जादू के गलत प्रभाव से मैंने अपनी एक आँख खो दी। मेरी एक आँख के साथ ही मैंने अपनी आधी शक्तियां भी खो दीं।क्या तुम मुझे अपनी एक आँख दे सकते हो? खार मन ही मन में सोचता है कि मैं तो एक अनाथ हूँ, मेरी एक आँख चली भी गई तो किसी को कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा। खार बूढ़े व्यक्ति से कहता है कि ठीक है आप मेरी एक आँख ले लो। बूढ़ा व्यक्ति बहुत खुश हो जाता है और खार से कहता है कि ठीक है तुम मेरे साथ मेरे घर चलो मैं वहीं पर अपने जादू से तुम्हारी आँख को ले लूँगा।
खार उस बूढ़े के साथ उसके घर जाता है तभी खार की नज़र उसके घर के आगे लगे एक चिन्ह पर पड़ती है जिसपर लिखा होता है दान ।
खार उसे अनदेखा करके बूढ़े के साथ अंदर घर में प्रवेश कर जाता है।बूढ़ा व्यक्ति खार कहता है कि खार तुम यदि चाहो तो मना भी कर सकते हो। मुझे आँख देना या ना देना तुम्हारी स्वयं की इच्छा है।
खार कहता है बाबा मैं अपनी इच्छा से आपको मेरी आँख दे रहा हूँ, आप कोई संकोच मत रखिए। बूढ़ा कहता है कि खार प्रक्रिया को शुरू करने से पहले तुम अपने मुँह को अच्छे से साफ़ कर लो। बूढ़ा खार को कहता है कि पीछे के कक्ष में एक कलश है उसके जल से अपने मुँह को साफ़ कर लो। खार भगवान को याद करके वहाँ जाता है और कलश के जल से अपना मुँह साफ़ करने लगता है, तभी खार को कलश में से एक आवाज आती है। खार हाथ को कलश में डालता है और देखता है कि यह क्या है?
खार जब उसे बाहर निकालता है तो देखता है कि, उसके हाथ में एक सुन्दर सा पत्थर है। तभी वहाँ पर बूढ़ा व्यक्ति आ जाता है और कहता है, खार यह है तुम्हारा पहला पत्थर। ये पत्थर तुम्हारे दान की शक्ति को दर्शाता है। खार बहुत खुश होता है और उस बूढ़े का धन्यवाद करता है। तभी वह बूढ़ा, वह राज्य सब कुछ गायब हो जाता है और खार फ़िर वहीं पहुँच जाता है जहाँ वह तीन दरवाजे थे।
तो खार को पहला पत्थर तो मिल चुका है पर बाकी दो का क्या?

© AK. Sharma