...

7 views

कसूर किसका-2-
गतांक से आगे....
शालिनी अब घर पहुंच गई थी। आज उस का मन बहुत हल्का महसूस हो रहा था।
अगले दिन रोज की तरह वह कालेज पहुंची।आज धीरज नहीं आया था।
उसकी निगाहें बार बार धीरज को ढूंढ रही थीं।पता नहीं,आज धीरज क्यों नहीं आया, वह मन ही मन कह रही थी। दो लैक्चर समाप्त हो गए थे।
अब फ्री पीरियड था।वह वाचनालय में चली गई। यह क्या...।धीरज वहां संदर्भ पुस्तक पढ़ रहा था।
शालिनी उस के पास चली गई और बोली,अरे धीरज, तुमनें दो लैक्चर नहीं अटेंड किए।क्या कारण है?
आज सुबह मैं अपनी मम्मी को डाक्टर के पास लेकर गया था। धीरज ने कहा।
क्यों?क्या हुआ उन्हें।
अचानक रक्त दाब बहुत अधिक हो गया था।
धीरज ने कहा।
लंच का अन्तराल समाप्त हो चुका था।
दोनों कक्षा में लैक्चर के लिए चले गये।बी.ए.(गणित)आनर्स के दोनों छात्र थे।
समय अबाध गति से चलता रहा।कक्षा के नोट्स बनाना,विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करना,एवं परीक्षा की साथ साथ तैय्यारी करना, यही सब चल ही रहा था कि कब अंतिम वर्ष की परीक्षा आ गई, पता ही नहीं चला।
परीक्षाएं समाप्त हो गई। कल परिणाम घोषित होना है।
अगले दिन उत्सुकतावश सबने अपना परिणाम देखा।धीरज के 84.5प्रतिशत अंक आए थे।वह कालेज में तीसरे स्थान आया था।
प्रथम स्थान पर रुचि और दूसरे स्थान पर विनी आये थे। शालिनी को 83.8 प्रतिशत अंक के साथ पांचवां स्थान प्राप्त हुआ। चौथे स्थान पर 84.2प्रतिशत अंक प्राप्त कर महेश था। सब एक दूसरे के अंक पूछ रहे थे और बधाई दे रहे थे।
शाम को 6.00बजे रुचि, विनी धीरज और शालिनी और महेश ने बीकानेर रेस्टोरेंट्स में चाय पार्टी का आयोजन किया।समय पर सब इकटठा...