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Love with Stranger
मैं निशा। पंजाब के ज़िले अमृतसर की रहने वाली हूं। मेरे पिता एक बिजनसमैन है। मैं अमृतसर के ( girls school) में पढ़ती हूं। मेरे 12th class के final exam चल रहे थे। आज मेरा last paper था। हमेशा की तरह आज भी मेरा papar खत्म होने के बाद मेरे ड्राईवर अंकल मुझे लेने आने वाले थे। पर पता नहीं आज वो अभी तक क्यों नहीं आऐ। यहां पास ही में एक कैफ़े था। मैंने सोचा जब तक ड्राईवर अंकल आते हैं तब तक एक कौफी पी ली जाऐ।
मैं कौफी लेकर कैफ़े से बाहर आ रही थी। तभी मेरी टक्कर एक लड़के से हो गई। मेरे हाथ में पकड़ी कौफी उसके वाईट शर्ट पर जा गिरी।ये देखते ही मैं उसे sorry बोलने लगी। पर उसने बिलकुल react नहीं किया।वो बस मुझे एक टक देखें जा रहा था। उसके face expression से ये जान पाना मुश्किल था कि वो गुस्से में है या नहीं। जब मैंने उसे ध्यान से देखा तो देखती रह गई। उसकी झील सी नीली आंखें काले घने बाल,गोरा रंग। कुछ पल के लिए मैं उसमें खो सी गई। अचानक मेरा फोन रिंग होने लगा उसकी आवाज़ से मैं होश में आई। ड्राईवर अंकल का मैसेज था कि वो आ गये है। मैं फिर एक बार उस लड़के को sorry बोल कर वहां से बाहर निकल आई। अभी भी उस लड़के ने कुछ नहीं बोला। मैं ड्राईवर अंकल के साथ घर आ गई।
रात को नहाने के बाद में सोने चली गई। मैंने सोने की बहुत कोशिश की पर जब भी आंखें बंद करती वो लड़का मेरी आंखों के सामने आ जाता।पता नहीं क्यों पर उस लड़के को भुला नहीं पा रही थी। मैं पूरी रात नहीं सो पाई। अगले दिन मैं फिर उस जगह उसी समय पर वहां गई जहां मुझे वो मिला था। मैंने आस पास काफी ढूंढा इस उम्मीद में कि शायद वो कहीं दिख जाए। पर मुझे वो कहीं नहीं मिला। आखिर मैं घर चली गई।ये सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। पर उस दिन के बाद मुझे वो कहीं नहीं मिला।
मेरा ,12th class का result आने के बाद मेरे पापा ने मुझे आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका भेज दिया।छे साल अमेरिका में रहने के बाद आज मैं इंडिया वापस लोटी। पापा मुझे लेने के लिए ईयर पोर्ट पर आऐ हुऐ थे। मैं भाग कर उनके पास गई और उन्हें गले से लगा लिया।पूरे छे साल बाद मैं अपने पापा से मिली तो मेरी आंखों में आंसू आ गये वही पापा की आंखें भी नम थी। मैं और पापा घर आ गये। घर आते ही मम्मी ने मुझे गले लगा लिया।सच आज मैं बहुत खुश थी।
आज मुझे इंडिया आऐ हुऐ पांच महीने हो चुके थे। मैं अपने पापा के बिजनेस में उनका हाथ बंटाने लगी थी। आज शाम को पापा जब घर आए तो बहुत खुश थे। जब मम्मी ने उनसे उनकी खुशी का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके बहुत खास दोस्त राज शर्मा के बेटे ईशान शर्मा के साथ वो मेरा रिश्ता पक्का कर आऐ है।ये बात सुनकर मेरी मम्मी बहुत खुश हुई पर मैं शौक में थी। ऐसे अचानक शादी। फिर मेरे पापा ने मुझे समझाया कि वो उनके बहुत खास दोस्त का बेटा है और काफी अच्छा भी है।पर उन्होंने मुझे शादी के लिए फोर्स नहीं किया। उन्होंने मुझे सोचने के लिए समय दिया और कहा वो मेरी मर्जी के बिना मेरी शादी नहीं करेंगे।
थोड़े दिनों बाद मैंने पापा की खुशी के लिए इस शादी को मंजूरी दे दी। काफी रस्में और फंक्शन्स के बाद आज वो दिन था जब मेरी शादी होने वाली थी। इस बीच मैंने और ईशान शर्मा ने एक बार भी एक दूसरे को नहीं देखा।हम दोनों शादी के बाद ही एक दूसरे को देख सकते थे।
बारात आ चुकी थी। बारातियों का सुवागत बहुत अच्छे से हुआ। ईशान शर्मा सेहरा बांधे मंड़प में बैठे हुए थे। पंडित जी के बुलावे पर मुझे मंडप में लाया गया। मैंने घूंघट कर रखा था।मैं ईशान शर्मा के पास बैठ गई। मेरे बैठ ने के बाद शादी की विधि शुरू हुई। फेरे, मंगलसूत्र और सिंदूर की रस्म पूरी होने के बाद। पंडित जी ने कहा शादी सफ़ल हुई। आज से आप दोनों पति-पत्नी है। अपने बड़ों का आशीर्वाद ले लिजिए। सभी रस्में होने के बाद आखिर समय आया मेरी विदाई का। मैं अपने पापा के गले लग बहुत रोई। आखिर मेरी विदाई हो गई।
मैं अपने नये घर में आ चुकी थी। मैं कमरे में बैठी उनका इंतजार कर रही थी। तभी कमरे का दरवाजा खुलने की आवाज आती है। ईशान दरवाजा बंद कर मेरे पास आकर बैठ जाते है। कुछ समय तक कमरे में खामोशी सी बनी रही ‌। फिर ईशान जी ने मेरे करीब आकर मेरा घूंघट उठाया।मेरी नज़रे झुकी हुई थी। मैंने जब अपनी नजरें उठा कर उनको देखा तो मैं शौक हो गई।मेरा ऐसा रिएक्शन देख उन्होंने कहा। क्या हुआ? शौक लगा? इतनी हैरान मत हो तुम। हां मैं वहीं नीली आंखों वाला लड़का हूं जो तुम्हें कैफ़े में मिला था। तुम जानती हो तब मैंने तुमसे कुछ कहा क्यों नहीं?बस तुम्हें देखता रहा। मैंने पूछा ऐसा क्यों?तो वो बोले कि क्योंकि मैं तुम्हें पहचान गया था कि तुम कौन हो? तुम्हारे और मेरे पापा दोनों दोस्त हैं। जब हम छोटे थे तब तुम और तुम्हारे पापा हमारे घर आए थे।तब मैंने तुम्हें देखा था और तुम मुझे बहुत अच्छी लगी। तभी से मैं तुम्हें पसंद करता हूं। ईशान की ये बातें सुनकर मुझे कुछ कुछ याद आने लगा था। मुझे लगा जब मैंने उसे कैफ़े में देखा था तब से मैं ही उन्हें पसंद करती हूं पर वो तो मुझे बचपन से पसंद करते हैं।ये जान कर मैं बहुत खुश हुई। मुझे लगा था मैं अपने नीली आंखों वाले stranger से कभी नहीं मिल पाऊंगी। पर कुदरत का खेल तो देखो आज फिर मुझे उस से मिलवा दिया मेरे पति के रूप में।मेरा love with Stranger सफ़ल हो गया।😊😊❤️❤️☺️☺️