...

3 views

सो का नोट

दोस्तों..... कल सुबह दस बजे के आसपास
मम्मी ने सौ रुपये देते हुए कहा....
मोहन बेटा दूध लाना है ...!!

मैं सौ रुपये का नोट कमीज की जेब मे डाला हाथों में थैला लिए मुंह पर मास्क लगाए दूध लेने चला गया ....
अभी गली के मोड तक पहुंचा ही था कि रास्ते पर एक नया सौ का नोट पडा दिखा ....

मैने पहले नोट को देखा फिर यहां वहां कहीं कोई नहीं था लाँकडाऊन के चलते लोग बाहर सिर्फ काम के लिए ही निकलते है....
मैने सौ का नोट उठाया और जेब मे रखने लगा कि
अंतर आत्मा से आवाज आई .....
नाजाने किस मेहनतकश की कमाई है .....

दोस्तों इंसान जब स्वयं मेहनत करता है तो
उसे एक एक रुपये की कीमत का एहसास होता है
मन मे विचार आ रहे थे ऐसे वक्त में जब कहीं कोई रोजगार नहीं है तो ये सौ रुपये जिसके खोए होगे
उसकी कया स्थिति होगी ...
यकीनन मायूस होगा या शायद रो ही रहा हो....

तो अब कया करुं ....
कैसे पता करुं ये सौ रुपये आखिर है किसके ....आसपास किसी से पूछूंगा तो
यदि उसने कहा हां उसके है तो मे तो दे दूंगा
मगर ये कैसे पता लगेगा वो सच कह रहा है
कयोंकि पैसों पर किसी का नाम तो लिखा
हुआ होता नहीं है हो सकता वह झूठ कहकर ....
तो कैसे पता करुं....

अचानक पापा की कही बात याद आ गई.....
दोस्तों मेरे पापा कहते है ....
जब कभी कहीं परेशानी में फंस जाओ तो आँखें बंद करके हमेशा अपने दिल की सुनो ....
दिल भले ही लेफ्ट मे होता है मगर
फैसले हमेशा राइट लेता है
क्योंकि ये आपकी आत्मा से जुडा हुआ होता है
मैने वहीं किया तो दिल से आवाज आई .....

जिसके सौ रुपये खोए होगे यकीनन वो उन्हें
खोज रहा होगा हो सकता है वो यहां भी आए
उन्हें ढूंढते हुए .....
मैने दिल की बात मानते हुए कुछ देर वहीं रुकने का फैसला किया और सचमुच थोड़ी देर में एक औरत
अपने छोटे से बच्चे को लिए रुआंसा सा चेहरा करते हुए इधर उधर देख रही थी मुझे देखकर लगने लगा
यही इन सौ रुपये को खोज रही है मैने पूछा....
आप कुछ ढूंढ रही है ...
कुछ खो गया है कया
वह बोली.....हां ....
सौ रुपये का नोट लिए समान लेने जा रही थी
मगर पता नहीं कहा गिर गया.....

उसकी भीगी हुई आँखें अपने आप मे बहुत कुछ
बंया कर रही थी मैने तुरंत जेब से सौ का नोट
निकाला और उसकी और बढाया....
सौ का नोट देखकर उसकी आँखें
खुशी से चमक उठी मगर उसने अपना मुंह
दूसरी ओर करते हुए जमीन पर फिर से नोट
खोजना शुरू कर दिया....

क्या हुआ लो ना....मैने कहा
वो बोली...आप मुझे गलत समझ रहे हैं
मे अपने खोए पैसे ढूंढ रही हूं....
मुझे किसी का एहसान नहीं चाहिए ...

मे हैरान होकर उसे देखने लगा ....
अरे तुम्हारे ही है लो रख लो ....
मैंने फिर से उसकी और सौ का नोट बढाया
उसने उस नोट की देखा तक नहीं.....

मैंने कहा... मुझे मिले थे यही से लो....
नहीं ....ये मेरे पैसे नहीं है बाबू .....
आप मुझपर तरस खाकर मेरी मदद
करना चाहते है मगर मुझे नहीं चाहिए...

मे परेशान सा होकर उसे देख रहा था
आखिर क्युं वह सौ रुपये नहीं ले रही
अचानक मेरा ध्यान नोट की ओर गया....
दोस्तों मम्मी ने मुझे पुराना सौ रुपये का नोट
दिया था जबकि मुझे सडक से नया नोट मिला था....

ओह तो शायद इसलिए ....
मैने जेब से तुरंत उस नोट को निकाला तबतक
वह औरत नोट को ढूंढते हुए थोड़ा आगे
बढ चुकी थी ....
मैंने आवाज दी ....बहन .....ये रहा ....
उसने मुडकर देखा तो नये नोट को देखकर
वह चौक गई...
मैंने कहा.... वो मैंने जेब मे रख लिया था और जो
मै दूध लाने के लिए ले जा रहा था वो
आपको निकालकर दे रहा था जल्दबाजी में ....
लो बहन .....
वह रोते हुए नोट पकड कर दोनों हाथों को जोडे मुझे दुआएं देने लगी ....मैंने कहा ...ईश्वर का शुक्र है
आपकी अमानत आपतक पहुंच गई .....
वह लगातार अनेकों आशिर्वाद दे रही थी ....
अब उसके चेहरे पर ऐसी खुशी थी मानो उसे
अमृत मिल गया हो

दोस्तों थी तो ये छोटीसी बात मगर सोचकर देखिए ......हमारे माता पिता हमें आनेवाले समय
के लिए कितना तैयार करते हैं
हमें अच्छे रास्तों पर चलना सीखाते है
जो हमारे लिए कितना संतोषजनक होता है ...

दोस्तों पापा सच कहते है ....
दिल भले ही लेफ्ट मे होता है
मगर फैसला हमेशा राइट लेता है ....
आप भी अपने दिल की सुना कीजिए
और दिल से रिश्तों को निभाइएगा.....


© Ansh Rajput