रक्षक या शिकार: अंशिका की अनकही दास्तान
हेलो डार्लिंग! आज बहुत खुबसूरत लग रही थी इस येलो कलर के शुट में। वो सुबह से आफिस के कामों में बिजी थी जब उसके फोन पर उसी अनजान नंबर से काॅल आया था और वो बेध्यानी में फोन रिसीव भी कर ली थी। लेकिन जब उसने वही जानी पहचानी आवाज़ सुनी तो उसका कलेजा धक्क से रह गया। वो पशिने से तरबतर हो चूकी थी और उसके हाथ कांपने लगे थे।
तभी उसकी दोस्त केशवी उसके कंधे पर हाथ रखी तो वो चौक गई।
केशवी ; "अंशिका, क्या हुआ? इतनी घबराई हुई क्यों है?" क्या आज फिर से उसका काॅल आया? अंशिका ने धीरे से अपना सर हाँ...
तभी उसकी दोस्त केशवी उसके कंधे पर हाथ रखी तो वो चौक गई।
केशवी ; "अंशिका, क्या हुआ? इतनी घबराई हुई क्यों है?" क्या आज फिर से उसका काॅल आया? अंशिका ने धीरे से अपना सर हाँ...