सीख नादानी की
अरे वो बचपन में यूंही नादानी में हम सब बोलते थे की,
"बैंन ओ बैंन साइकिल की चैन।
भइया ओ भइया साइकिल को पहिया।।" (बैंन=बहन)
आज छोटी बहन गुनगुना रही थी तो याद आ गया।
आज उसका अर्थ समझ आया है की
बहन को क्यों चैन बोलते थे और भइया को पहिया।
*बहन वो है जो सारे दबाव, तनाव सहकर परिवार रूपी साइकिल को चला देती है।*
और भाई उस चल रहे परिवार का आधार है जो रास्ते में आने वाली मुसीबतों (गड्डो) को सहकर भी उसे निरंतर चलाता रहता है।
कोई भी परिस्थिति हो कोशिश करो की परिवार को टूटने ना दें। फिर चाहे आपको झुकना पड़े या नुकसान उठाना पड़े। क्योंकि नुकसान की भरपाई संभव है, लेकिन एक बार का टूटा हुआ परिवार फिर पहले जैसा नहीं होता
परिवार टूटने के बाद केवल अफसोस जिंदा रहता है।
आज छोटी बहन गुनगुना रही थी तो याद आ गया।
© Mr. Busy
"बैंन ओ बैंन साइकिल की चैन।
भइया ओ भइया साइकिल को पहिया।।" (बैंन=बहन)
आज छोटी बहन गुनगुना रही थी तो याद आ गया।
आज उसका अर्थ समझ आया है की
बहन को क्यों चैन बोलते थे और भइया को पहिया।
*बहन वो है जो सारे दबाव, तनाव सहकर परिवार रूपी साइकिल को चला देती है।*
और भाई उस चल रहे परिवार का आधार है जो रास्ते में आने वाली मुसीबतों (गड्डो) को सहकर भी उसे निरंतर चलाता रहता है।
कोई भी परिस्थिति हो कोशिश करो की परिवार को टूटने ना दें। फिर चाहे आपको झुकना पड़े या नुकसान उठाना पड़े। क्योंकि नुकसान की भरपाई संभव है, लेकिन एक बार का टूटा हुआ परिवार फिर पहले जैसा नहीं होता
परिवार टूटने के बाद केवल अफसोस जिंदा रहता है।
आज छोटी बहन गुनगुना रही थी तो याद आ गया।
© Mr. Busy