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प्रेम - पवित्र बंधन... 🌹🌹
आज के दिन हर लड़की शिव जी जैसे पति की चाहत में व्रत ले रही है और दूसरी तरफ हर लड़का पार्वती जी जैसी पत्नी को पाने के लिए मंदिर जा रहे है। तो ये समझ नहीं आता की फिर धोखे प्यार में कौन खा रहे है और कौन दे रहे है? 🤔
सच तो ये है की किसी को सच्चे दिल से चाहना और उसे ही अपना मानने से उस पर प्रभु भी कृपा करते है। कभी कभी जो सच्चे प्रेम को समझ ही ना पाए या कद्र ही ना करें तो फिर उसे छोड़ देना चाहिए। प्रेम में जिसे खुद की सुध नहीं और सिर्फ ख़ुशी है वही प्रभु के करीब है। यूँ तो हर दिन शिवरात्रि है हर दिन रामनवमी है हर दिन जन्माष्टमी है लेकिन ये आस्था है एक विश्वास है की संसार में आज भी इन्हें मनाया जाता है। ये तो सन्देश है की दुनिया में प्रेम कैसे किया जाता है कैसे निभाया जाता है परन्तु संसार में इन दिनों में ही सब अपना प्रेम दिखाते है और दूसरे ही दिन भूल जाते है ये प्यार, सम्मान और समर्पण की भावना को। क्यों फिर शादी के बाद लड़ाई करते सब भूल जाते है कि हमने इस ही इंसान को दुआ में माँगा था क्यों भूल कर रिश्ते तोड़ कर जीते है। क्यों कि कमी हमारे ही अंदर है और हम अपने अंदर नहीं झाँकते। इसलिए दुखी है संसार। जहां बात है शिव - पार्वती जी कि तो उनका जीबन ही समर्पित था एक दूसरे के लिए, वो एक थे और एक ही होकर जीए थे। भक्ति में डूबना है तो एक दिन व्रत नहीं हर दिन प्रेम में जीना होगा हर दिन प्रेम बाँटना होगा और इस सन्देश को अपने कर्म से हर दिन में निभाना होगा। 🙏🏻🙏🏻

© Niharik@ ki kalam se✍️