...

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बेरोजगारी!
तकलीफ हुई हम जब टूट गए! !
ये तब हुआ हम जब पीछे छूट गए!
बादल भी गरज के बरस रहे!
रोजगार के लिए हम तरस रहे!

किस्मत की मेरी खाली टोकरी!
नही मिली मुझे नौकरी!
पास होते हुए शिक्षा!
मांगनी पड़ेगी भिक्षा !

पता नही था ऐसा कलयुग आयेगा!
एक शिक्षित भी भुखा मर जायेगा!
_वर्षा राजपूत