...

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मेरी कलम ✍️
बेफिक्री के आलम मे जब दुनिया सो जाएगी,
चुप की ख़ामोशी मे मोहब्बत मेरी, तेरे गीत गायेगी |

हमे इश्क और एहसास दोनों सम्भालने है,
चूक जो हुई, फिर दुनिया बात ना बनाएगी |

बिंदी जो तेरे पेशानी पर है, उसको ढक कर चलना,
ये मासूमियत तेरी ना जाने कितनी जान लेकर जाएगी |

अभी हम दोनों ही दौरे-हिज्र मे बेचैन है,
यकीं रख दोस्त, मिलन की रात भी आएगी |

फ़ौरी इलाज कहा मुमकिन है मोहब्बत के मर्ज़ मे,
ये बीमारी तो जाँ ले देकर ही जाएगी |

सब्र रख, अभी ज़िंदगी की दौड़ धूप में हूँ,
इत्मीनान से करूंगा इश्क, माँ भी पीठ थपथपाएगी|

हमे मिलकर तय करने है सफ़र मंजिल के,
इंतजार सूरज का करेंगे तो सहर हो जाएगी |

मैं यूं ही लिखता रहूँगा तेरे मेरे परवाने - ए - इश्क,
ये सुनने वाली महफ़िल भी प्यार मे हो जाएगी |

ऐसा बँध गया हूँ अब तेरे इश्क मे "सनम "
कलम मेरी "अंजली" अब तुझे छोड़ कर कुछ ना लिख पाएगी ||
© rahulchopra1120


#rahulchopra1120