अंदरूनी हंसी के शोध में....
शीर्षक से पता चला ही होगा की कहना क्या है, तो चलिए उसका सफर भी करते हैं....
एक लडका जो असल जिंदगी में हंसता खेलता तो ज़रूर है लेकिन पेड़ एवं पौधों के साथ जादा समय बीताता है, वैसे तो असल की जिंदगी में सिद्धांत ही जीवन है और उन्हीं तत्वों पर चलनेवाला सबको हंसाने के खोज में कैसे चल पडा??
बचपन से सब हंसते आ रहे है, क्षण कौनसा भी हो, वो कभी कभी हंसने की वजह बनता है। शायद हंसना चाहिए और वो सेहत के लिए अच्छा भी होता है, लेकिन कभी कभी कुछ जो सवाल है उसपर प्रकाश नहीं पड़ता और उस सवालों का उत्तर ही ये मेरा लेख हैं आप ऐसा समझ सकते हैं। जैसे मेरा इस लेख का शीर्षक है की "अंदरूनी हंसी के शोध में...." शायद ये जीतना आसान लगता है उतना है नहीं, केवल एक औपचारिकता के लिए हंसना, या फिर कोई विनोद...
एक लडका जो असल जिंदगी में हंसता खेलता तो ज़रूर है लेकिन पेड़ एवं पौधों के साथ जादा समय बीताता है, वैसे तो असल की जिंदगी में सिद्धांत ही जीवन है और उन्हीं तत्वों पर चलनेवाला सबको हंसाने के खोज में कैसे चल पडा??
बचपन से सब हंसते आ रहे है, क्षण कौनसा भी हो, वो कभी कभी हंसने की वजह बनता है। शायद हंसना चाहिए और वो सेहत के लिए अच्छा भी होता है, लेकिन कभी कभी कुछ जो सवाल है उसपर प्रकाश नहीं पड़ता और उस सवालों का उत्तर ही ये मेरा लेख हैं आप ऐसा समझ सकते हैं। जैसे मेरा इस लेख का शीर्षक है की "अंदरूनी हंसी के शोध में...." शायद ये जीतना आसान लगता है उतना है नहीं, केवल एक औपचारिकता के लिए हंसना, या फिर कोई विनोद...