वो बड़े घर की बेटी
स्नेहा अपने माँ बाप की इकलौती सन्तान थी
उसके पापा एक बड़े बिजनेसमैन थे और स्नेहा से बहुत प्यार करते थे। स्नेहा के बोलने से पहले वो उसकी सारी ख्वाहिशें पूरी कर दिया करते थे।
स्नेहा अब धीरे धीरे बड़ी हो गई थी और उसने 12th पास करके शहर के एक बड़े कॉलेज में दाखिला ले लिया था।
नया कॉलेज, नया माहौल, नए दोस्त स्नेहा ने इस माहौल में जल्द ही खुद को ढाल लिया था, पर इसके साथ ही उसने आधुनिकता की ओर भी कदम रखा दिया था छोटे छोटे कपड़े, देर रात पार्टी सब उसकी लाइफ का हिस्सा बन गया था। उसके मम्मी पापा...
उसके पापा एक बड़े बिजनेसमैन थे और स्नेहा से बहुत प्यार करते थे। स्नेहा के बोलने से पहले वो उसकी सारी ख्वाहिशें पूरी कर दिया करते थे।
स्नेहा अब धीरे धीरे बड़ी हो गई थी और उसने 12th पास करके शहर के एक बड़े कॉलेज में दाखिला ले लिया था।
नया कॉलेज, नया माहौल, नए दोस्त स्नेहा ने इस माहौल में जल्द ही खुद को ढाल लिया था, पर इसके साथ ही उसने आधुनिकता की ओर भी कदम रखा दिया था छोटे छोटे कपड़े, देर रात पार्टी सब उसकी लाइफ का हिस्सा बन गया था। उसके मम्मी पापा...