...

1 views

होली की वह मजेदार शरारत
रिया को होली खेलना बिल्कुल भी पसंद नहीं था उसे लगता था पहले तो इतनी सारी तैयारी करो अलग-अलग तरह की व्यंजन बनाओ मेहमानों को बुलाओ उनकी खातिरदारी करो खाना पीना खिलाओ और फिर रंग गुलाल लगाकर सारे कपड़े खराब करो....! क्या जरूरत है इन सब चीजों की मायके में घर की बड़ी बेटी थी तो सबको पता था रिया को होली पसंद नहीं है तो उसे कोई रंग नहीं लगता था बहुत कहने पर एक छोटा सा टीका लगाकर रिया होली मनाती थी ।भाई बहन भी उसे सभी छोटे थे तो डांट देती थी तो फिर कोई उसे रंग नहीं लगाता था। सहेलियां तो बहुत ही रिया की पर कोई उसे परेशान नहीं करता था क्योंकि सभी जानते थे उसे पसंद नहीं है तो बस होली पर खाना और मिलना मिलना ही होता था रिया के साथ रंग गुलाल खेलना नहीं..!!
ससुराल में रिया की यह पहली होली थी जिस कारण ससुराल में किसी को पता ही नहीं था कि रिया को होली खेलना पसंद नहीं है रिया के पति ने अपने दोस्तों के साथ एक प्लान बनाया की होली पर हम सभी साथ घूमने जाएंगे।जब रिया को यह बात उसके पति ने बताई तो उसने भी हामी भर दिया। रिया को जरा भी आईडिया नहीं था कि आज उसके साथ क्या होने वाला है...??
होली के दिन सुबह सवेरे ही नहा धोकर रिया तैयार हो गई घर के मंदिर में पूजा किया और अपने सास ससुर का आशीर्वाद लेकर रिया रसोई में चली गई अपने मायके की स्पेशल मलाई मालपुआ और वसंती मैंगो मिल्क शेक बनाने के लिए साथ ही दही बड़े और होली स्पेशल गुजिया भी तो बनाना था उसे अपनी ननद और देवर के लिए...!!
रिया ने जल्दी जल्दी हाथ चलाना शुरू किया और देखते ही देखते उसने सारा नाश्ता बना कर तैयार कर दिया।
और बड़े प्यार से अपने सास ससुर पतिदेव नंद और देवर को परोस कर खिलाया सभी रिया की तारीफों के पुल बांध रहे थे खास तौर पर मलाई मालपुआ और मांगो मिल्क शेक की...! अब रिया की सास ने कहा जाओ बहू अब तुम लोग घूमकर आ जाओ जी मां जी कहकर रिया अपने देवर नंद और पति साथ में निकले घुमने चल पड़े।
रिया की ननद ने उसकी आंखों पर पट्टी बांधते हुए कहा भाभी आपके लिए एक सरप्राइज है।
आप चुपचाप मेरे साथ हाथ पकड़ कर चलिए....!
ठीक है कहते हुए रिया अपनी नंद का हाथ पकड़ कर चलने लगी घर से निकलकर यह सभी लोग बाहर लॉन में आ गए यहां पर रिया के पति के और भी दो-चार दोस्त आए हुए थे। रिया की ननद ने रिया को एक चादर बिछा कर लॉन में बिठा दिया और फिर सभी उसके चारों तरफ बैठ गए और सबने एक दूसरे के ऊपर फूल फेंकना शुरू किया । रिया बहुत खुश थी मन ही मन और सोच रही थी कि चलो अच्छा है शायद घर से पापा ने इन्हें बता दिया है। कि मुझे होली खेलना पसंद नहीं है इसलिए फूलों की होली खेल रहे हैं ये लोग हमारे साथ। इतने में रिया के पति ने कहा रिया कैसा लग रहा है तुम खुश तो हो ना..??
रिया ने कहा हां हां मैं बहुत खुश हूं पर पहले कोई मेरी यह पट्टी तो खोल दीजिए ताकि मैं भी तो देखूं कौन-कौन आए हैं ने यहां...!अरे हा हा क्यों नहीं अभी खोलते हैं पट्टी! रिया उत्सुकता में थी कि अभी वह कहां है और यहां पर कौन-कौन है देखने को मिलेगा फिर सभी के फूलों वाली होली खेलते हुए सेल्फी लूंगी पर जैसे ही रिया की आंखों से पट्टी हटने वाली थी कि इतने में ही रिया की ननद ने रिया के ऊपर रंगों से भरी बाल्टी उड़ेल दी....!!
अब रिया का चेहरा देखने लायक था। ..! अभी सब
हंसने ही वाले थे कि रिया की सास भाग भाग कर वहां आई और कहने लगी अरे अरे तुम लोग बहू को रंग मत लगाओ बहू को रंग लगाना पसंद नहीं है।उनकी बातें सुन कर सभी एकदम चुपचाप से हो गये और उसकी ननद ने कहा सॉरी भाभी हमें माफ कर दीजिए हमने तो बस शरारत के लिए यह सब किया.....!!
इस पर रिया ठहाके लगा कर जोर जोर से हंसने लगी
और कहा ये शरारत अच्छी हैं..!! और फिर सभी ठहाके लगा कर हंसने लगे..!! सबने मिलकर खूब होली खेली और अपने पति नंद देवर और उनके सभी दोस्तों को इस तरह रंगों से सराबोर और खुश देखकर रिया भी बहुत खुश हो गई और अभी उसे उन सभी पर गुस्सा नहीं बल्कि प्यार आ रहा था। और रिया रात को अपने भाई बहनों के साथ फोन पर सांझा कर रही थी अपनी होली की वह मजेदार शरारत ..!!
किरण