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मानसिक जकड़ पकड़...एक टॉक्सिक रिलेशनशिप...😰😰 भाग 3
जब भूषण के कॉल पर कॉल का प्रेशर और साथ में एक्जाम का प्रेशर इन दोनो के भवर में फसी सौम्या ने फाइनली ये सोचा की मै घर तो ये बात बता नही सकती वरना घरवाले मुझे वापस बुला लेंगे और मेरी शादी करवा देंगे.. इससे अच्छा मैं भूषण से बात कर के ये कहे देती हु की हम एक अच्छे दोस्त बन कर रहेंगे...! ताकि बात होने से वो शांत रहेगा और इतना इरिटेड भी नही करेगा और मैं अपने एक्जाम पर फोकस कर लूंगी...! लड़कियों के लड़के दोस्त भी तो होते है....! फिर अच्छे से विचार करने के बाद उस परिस्थिती में सौम्या को यही सबसे आसान रास्ता लगा...!यही फैसला उसकी जिंदगी को बदलने वाला था। इस दौरान भूषण के सौम्या को कॉल पर कॉल तो चल ही रहे थे। फिर एक दिन सौम्या ने भूषण की कॉल उठा ली और नॉर्मली बात की, कहा की हम एक अच्छे दोस्त ही बन कर रहेंगे,मुझे इस रिलेशन को आगे नही बढ़ाना...भूषण ने वो बात मान ली ....पर उसके इरादे कुछ और थे....! प्रोब्लम शेयरिंग के नाम पर वो सौम्या को कॉल करता अब चुकी दोस्ती हो चुकी थी तो सौम्या को उसका कॉल उठाना ही पड़ता था ....नही उठाती जिस दिन तो वो इमोशनल हो कर कहता की मेरा कोई नही, और अपनी दोस्त होने के नाते मैं तुमसे ही सारी प्रोब्लम शेयर करता...