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premising part 4
प्रेमीसिंह पार्ट - 4

कहते हैं कहानी के अंत तक सब अच्छा हो जाता है और अगर अच्छा ना हो तो...... तो फिर हम कर ही क्या सकते हैं??? वैसे हम सब कुछ कर सकते हैं हम लेखक हैं इस कहानी के इसलिए हम जैसा चाहे वैसा कर सकते हैं... पिछले एपिसोड में मेरा मतलब है पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि जब आपने पढ़ ही लिया है तो फिर बताने की क्या जरूरत है, तो अब प्रेमीसिंह के परिवार और पूरे जंगल के जानवरों को मारने के इल्जाम में उस जिराफ (नाम आपने पिछले भाग में पढ़ लिया होगा) पर केस चलता है, के डी वकील जिराफ का जुर्म साबित कर देता है और उससे कहता है एम आई राइट और एम आई राइट, तब अदालत उसे सजा-ए-मौत सुनाती है, फिर अदालत से लौटते समय रास्ते में के डी को अचानक प्रेमीसिंह दिखाई देता है, केडी तुरंत ड्राइवर से साइकिल रोकने के लिए कहता है, और प्रेमी सिंह के पास जाकर उससे पूछता है अरे प्रेमी तुम जिंदा कैसे बच गए भाई??? तब प्रेमी केडी को अपने साथ चाय पीने के लिए कहता है और केडी मान जाता है, चाय पीते पीते प्रेमी केडी को बताता है उसका परिवार और बाकी सभी जानवर भी बच गए, तब केडी दोबारा उससे पूछता है कि आखिर तुम लोग बचे कैसे, तब प्रेमी गंभीर होकर उसे कहता है कि ये तो हमने आजतक लेखक को नहीं बताया तो फिर तुम्हें कैसे बता दूँ, फिर केडी उसे उस जिराफ को माफ करके छुड़ाने के लिए कहता है, और प्रेमी मान जाता है, फिर दोनों जाकर उस जिराफ को छुड़ाते हैं और प्रेमी एक बेतुका सा डायलॉग मारता है जिसकी सचमें कोई जरूरत ही नहीं थी(यकीन मानिए ये बेतुका डायलॉग तो मेरे भी समझ में नहीं आया) कि इंसानियत से तो मेरा भरोसा उसी दिन उठ गया था जिस दिन मेरी मूंगफली में कीड़ा निकला था अगर मूंगफली में कीड़ा पड़ सकता है तो फिर दिमाग तो लोग धर्मजाति विवाद पढपढके वैसे भी सड़ाये रहते हैं, खैर तुम्हें केडी भाई के कारण छुड़ा लिया, फिर वो अपने गीले सूखे मेरा मतलब गिले शिकवे दूर करके बाकी सबके पास चल दिये, फिर सबने मिलकर जंगल फिर से बसाया, चूंकि प्रेमी राजा शांतिसिंह का बेटा था इसलिए लुई को वहां का राजा बनाया गया, केडी को बेहतरीन घटिया खाना और साथ में स्पेशल ग़मों का अचार (आजकल बहुत ट्रेंड में चल रहा है) खिलाये गए, फिर केडी ने जातेजाते प्रेमी से बोला कि तुम्हारे बचने का राज़ तो जान कर रहूंगा, फिर केडी ने उन सबसे विदा ली
सीख- लेखक से कभी कुछ नहीं छुपाना चाहिए(इस प्रेमी को तो मैं छोडूंगा नहीं)

- cursedboon (ankit bhardwaj)

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