राघव और वो (भाग -5)
कुछ घंटे बाद जब राघव की आंखें खुली तो देखा कि वह अपने कमरे में है ।
राघव (मन में) -मैं अपने रूम में कैसे पहुँचा, मैं तो स्कूल में था। तभी आस्था कमरे में आती है।
राघव- माँ मैं अपने रूम में कैसे पहुँचा ,मैं तो स्कूल में था?
आस्था-ये लो पहले ये काढ़ा फिनिश करो।
राघव- माँ बताओ ना मैं यहाँ कैसे पहुँचा?
आस्था- वो.. स्कूल में चक्कर आने की वजह से तुम बेहोश हो गए थे। उसके बाद राघव ने और कुछ नहीं पूछा और आँखें बंद कर ली।
आस्था- राघव बेटा क्या हुआ? तुम ठीक तो हो?
राघव- हाँ, वो मेरा सर दुख रहा है।
आस्था- ठीक है तुम रेस्ट करो, मैं दवा लेकर आती हूँ ।
आस्था रूम से चली जाती है।
इधर राघव आँखें बंद कर लेट गया । वह लेटा ही था कि उसके सिरहाने पर रखा पानी का गिलास गिर गया। राघव चौंककर बैठ गया । इधर-उधर देखा पर कहीं कुछ नहीं था।
फिर उसकी नजर दरवाजे के नीचे गई वहां एक परछाई जैसा कुछ लग रहा था ,मानो दरवाजे के पीछे कोई टहल रहा हो।
राघव डरते हुए धीरे-धीरे दरवाजे की और बढ़ने लगा । वह दरवाजा खोलने की कोशिश करता है पर दरवाजा खुल ही नहीं रहा था । वह अपना पूरा जोर लगाकर दरवाजा खोलने की कोशिश करता है, पर दरवाजा टस से मस नहीं होता है। वह डर कर बुरी तरह से कांपने लगता है ।
राघव - खोलो! दरवाजा खोलो। मम्मी दरवाजा खोलो। वह जोर-जोर से दरवाजे...
राघव (मन में) -मैं अपने रूम में कैसे पहुँचा, मैं तो स्कूल में था। तभी आस्था कमरे में आती है।
राघव- माँ मैं अपने रूम में कैसे पहुँचा ,मैं तो स्कूल में था?
आस्था-ये लो पहले ये काढ़ा फिनिश करो।
राघव- माँ बताओ ना मैं यहाँ कैसे पहुँचा?
आस्था- वो.. स्कूल में चक्कर आने की वजह से तुम बेहोश हो गए थे। उसके बाद राघव ने और कुछ नहीं पूछा और आँखें बंद कर ली।
आस्था- राघव बेटा क्या हुआ? तुम ठीक तो हो?
राघव- हाँ, वो मेरा सर दुख रहा है।
आस्था- ठीक है तुम रेस्ट करो, मैं दवा लेकर आती हूँ ।
आस्था रूम से चली जाती है।
इधर राघव आँखें बंद कर लेट गया । वह लेटा ही था कि उसके सिरहाने पर रखा पानी का गिलास गिर गया। राघव चौंककर बैठ गया । इधर-उधर देखा पर कहीं कुछ नहीं था।
फिर उसकी नजर दरवाजे के नीचे गई वहां एक परछाई जैसा कुछ लग रहा था ,मानो दरवाजे के पीछे कोई टहल रहा हो।
राघव डरते हुए धीरे-धीरे दरवाजे की और बढ़ने लगा । वह दरवाजा खोलने की कोशिश करता है पर दरवाजा खुल ही नहीं रहा था । वह अपना पूरा जोर लगाकर दरवाजा खोलने की कोशिश करता है, पर दरवाजा टस से मस नहीं होता है। वह डर कर बुरी तरह से कांपने लगता है ।
राघव - खोलो! दरवाजा खोलो। मम्मी दरवाजा खोलो। वह जोर-जोर से दरवाजे...