...

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मोहब्बत में बगावत
***** मोहब्बत में बग़ावत *****

वो मुझसे प्यार नहीं करती पर मुझे उनसे मोहब्बत है तो है,
ये अगर मेरे दिमाग़ की दिल से मोहब्बत में बगावत है तो है।

उनकी रूह मेरी रूह को छूँकर इन साँसों में समाती चली गई,
अब दुनिया की नज़रों में ये प्यार मेरा ग़लत हरकत है तो है।

कब ख़वाहिश की मैंने कि वो बदले में वो भी मुझसे प्यार करें,
अब उनकी खुशियाँ ही चाहे दिल में उनके लिए परवाह है तो है।

रूह को छूँकर अहसास ठहर से गए इन साँसों में सुकून बन,
मोहब्बत पाना सबका नसीब नहीं मेरी भी ऐसी किस्मत है तो है।

दूर रहकर भी वो हर पल महसूस होते है मुझे इन साँसों में,
इश्क़ होने से कौन रोक सका है इसकी ऐसी फितरत है तो है।

वे थे, वे है और वे ही रहेंगे ताउम्र धड़कन बनकर इस दिल में,
एक तरफा इश्क़ बनकर लहू मेरी रग-रग में बहता है तो है।