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the untold words
एक लड़की एक लड़के से बहुत प्यार करती थी,, पर लड़का उससे ज़रा भी प्यार नहीं करता था।।।
दोनों का रिश्ता बड़ा उलझा हुआ रहा,, साथ होकर भी साथ नहीं रहे कभी दोनों।।। हार कर उस लड़की ने उस लड़के से कहा....,......


मैंने एक बार नहीं न जाने कितनी बार तुझे माफ किया,,, एक न एक दिन बदलेगा तू इस उम्मीद में मौके पर मौका दिया।।।। हर बार मैं तेरी चिकनी चुपड़ी बातों में आई,,, तुझसे वफादार रहने की कीमत मैंने अपने ख्वाबों को खो कर गवाई।।।।
न जाने कितनी बार मैंने तेरे आगे अपनी महोब्बत का रोना रोया ये सोच कर कि मेरे एहसासों को तू थोड़ी एहमियत देगा।।।। लड़ती रही मैं खुद से अपने दिल में तेरी जगह बनाए रखने के लिए,,, खो दिया मैंने खुद को तेरा प्यार बचाने के लिए।।।।
अंधेरा तू था नहीं तू बन गया,,, मेरे लायक तूने खुद को कभी बनने ही नहीं दिया।।।। बेमतलब तेरे साथ रहना था मुझे,,, खुशी बेशक न बाटंता तू मुझसे पर तेरे गम बांटने थे मुझे।।।। पता है कितना भी लिख लू पर दिल के हालात पूरी तरह से नहीं लिख पाती,,, तेरे चेहरे की हँसी न उड़ जाए मेरी बातों से इसलिए तूझे कुछ कह भी नहीं पाती।।।। सही कहा था तूने मैं अपनी ही कहानी में उलझी हुई थी,,, मैं अपनी कहानी को तेरी मेरी कहानी समझ रही थी।।।। तेरी कदर मुझे नहीं मिली शायद मेरी किस्मत खराब होगी,,, पर साथ होकर भी तेरे ये एक तरफा मोहब्बत मुझसे और नहीं होगी।।।। चुभती है मुझे तेरी नज़रअंदाज़ीया,,, तूझे मेरी शिकायत सुनने में भी दिलचस्पी नहीं होगी।।।।
© vandana singh