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शरतिया चंदन

चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा। लेकिन वह कभी नहीं जानता था कि उसे इसके लिए भुगतान करना होगा ... और वह पुराना महल भयानक था ... यहाँ तक कि चंदन भी इस भयानक महल के बारे में अच्छी तरह से जानता था .. लेकिन हालांकि उसने आम लेने का फैसला किया ... उसके दोस्त ने उससे कहा कि उसे पता होना चाहिए कि वह जगह वास्तव में बहुत ही खतरनाक है ... चंदन ने कहा कि वह सावधान रहेगा ... लेकिन चंदन अपने बारे में सोचता है इसलिए वह बिना किसी को लिए अकेला ही चला गया लेकिन वह आने वाले खतरे से बेखबर था .... उस रात हर गांव वाले अपने घर में ठंड से ठिठुर रहे थे और चिमनी के बगल में बैठे थे या फिर वे रजाई में गहरी नींद में थे .. पर कोई नहीं जानता था कि अब चंदन का क्या होगा? उसके दोस्त को उसकी चिंता हुई और वो भी उसके पीछे उस महल की तरफ चल दिया....
वास्तव में गाँव छोटा था और कुछ गलियाँ थीं और हर गली संकरी थी..और यह केवल एक गली थी जो जंगल के रास्ते में खुल रही थी और फिर प्रेतवाधित महल ..चंदन एक छड़ी और मशाल लेकर महल के रास्ते जा रहा है लेकिन ... जब वह जंगल से गुजर रहा था तो उसने जोर से चीखने की आवाज सुनी उसकी आँखें डर के मारे फैल गईं, उसने चारों ओर देखा, लेकिन कोई नहीं था ... "" भगवान, यहाँ कोई नहीं है, मैं बिना किसी कारण के डर गया था ..." वह खुद से बात करता है..और एक बार फिर वह महल की ओर चल पड़ा...लेकिन वह नहीं जानता था कि वह क्या सामना करने जा रहा है ..वह सोच रहा था कि वह बिल्कुल अकेला है लेकिन वह गलत था ... जब जंगल समाप्त होता है तो उसे एक महल दिखाई देता है और वह उसकी ओर चलता है, जो कुछ भी उसने देखा वह असहनीय था उसने देखा कि एक बिना सिर वाला आदमी उसकी ओर आ रहा है उसे लगता है कि उसने अपनी दृष्टि खो दी वह कुछ भी नहीं देख पा रहा था उसे अपनी आँखों के सामने केवल अंधेरा मिला ... वह अपनी जान बचाने के लिए वहाँ से भागा और वह एक गड्ढे में गिर गया ..उसने बहुत सारे कंकाल देखे और वह लगभग चिल्लाया ..और गड्ढे से बाहर निकलने की कोशिश की लेकिन वह असफल रहा ...गड्ढा काफी लंबा था उसने देखा कि एक हाथ रेंग रहा था उसकी ओर वह जोर से कूदने की कोशिश करता है लेकिन असफल रहता है और वह हाथ उसे गहरे गड्ढे में खींच लेता है ...वह जोर-जोर से चिल्ला रहा था लेकिन उसकी सुनने वाला वहां कोई नहीं था...
तीन दिन के बाद
ग्रामीणों को उसका शव बहुत ही अजीबोगरीब हालत में मिला उसकी आंखें खा ली गईं उसके हाथ पैर मुड़े हुए थे उसका सिर भी मुड़ा हुआ था...और उसका शव डी कंपोज्ड था...सभी ग्रामीण हैरान...हर तरफ खबर फैल गई वो शरतिया चंदन नहीं रहे....तो एक बूढ़े आदमी ने कहा:
"वह वह व्यक्ति है जो हमारी बातों पर कभी ध्यान नहीं देता है कि वह जगह भूतिया है और देखिए उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ती है .. और ऐसा ही हुआ है।"
उसकी मौत से सभी गांव वाले हैरान थे... क्योंकि उसका दोस्त भी गायब था... लेकिन आज भी कोई उस महल की तरफ नहीं जा पाया है..और उसका रहस्य आज भी रहस्य ही है...
© dhafrani th