come again another day
।।एक खत मेरे चाहने वालों के लिए।।
सही और गलत का फैसला कौन करे यहां?
मैं सही हूं मेरी नजर मे, तुम तुम्हारी नजर के नायक हो।
मेरे भावनाओं के समर्थक भी हैं यहां और तुम्हारी सोच के कद्रदान भी।
हो सकता है मैं जो देखती हूं तुम्हे नजर ही ना आए, और तुम्हे जो मुझमें कमी लगती है वो...
सही और गलत का फैसला कौन करे यहां?
मैं सही हूं मेरी नजर मे, तुम तुम्हारी नजर के नायक हो।
मेरे भावनाओं के समर्थक भी हैं यहां और तुम्हारी सोच के कद्रदान भी।
हो सकता है मैं जो देखती हूं तुम्हे नजर ही ना आए, और तुम्हे जो मुझमें कमी लगती है वो...