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दूसरा मौका
चलो मान भी लिया जाए की मैंने गुस्से में तुम्हें बहुत कुछ कह दिया था मगर तुमने एक बार मेरा हाथ पकड़कर रोकने की कोशिश तो की होती ' यह कहते हुए उसकी आंखों से रुके हुए आंसू गिरकर मानो कह रहे हों के डॉक्टर, रिश्ते हमेशा नए लोग जोड़ने से नहीं बनते बल्कि कभी कभी अगर पुराने रिश्तों की छोटी दरारों को टूटने से पहले भर दिया जाए,वो रिश्ते भी किसी नए रिश्ते की तरह महक उठते हैं ।

डॉक्टर रोते हुए उसके आंसुओं को साफ कर ही रहा था कि तभी दोनो चुंबक की तरह एक दूसरे की बाहों में समा गए । इस बार दोनों की आंखों में खुशी के आंसू थे । काश किस्मत हमेशा सभी को दूसरा मौका दे पाती तो शायद कई अधूरे रिश्ते खुशी के आंसू लिए एक दूसरे की बाहों में इसी तरह रो रहे होते ।

डॉक्टर की डायरी - पेज नंबर ६५८

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© Dr. Joker