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अजब प्रेम कहानी
वैसे तो समीर की दिनचर्या बड़ी व्यस्त थी; उसका दिन गुज़रता दफ़्तर के काम में और शाम गुज़रती किताबों के साथ में। इन सबके बावजूद भी वो बीच बीच में कुछ समय निकाल कर अपनी एक अलग दुनिया में कुछ वक़्त के लिए घूम आता था। समीर की वो दुनिया थी उसका लिखने का शौक; वो शौक जिसने उसे ज़िंदगी का एक अलग मायना दिया था और साथ ही उसके दिल में उठते तूफानों से भी राहत दिलवाता था। जैसे जैसे वक़्त गुज़रता गया उसका शौक ही उसका सच्चा दोस्त बन गया था। अब उसे जैसे किसी और की ज़रूरत महसूस नहीं होती थी। एक दिन अचानक समीर की एक लड़की से मुलाकात हुई। अगर समीर पूर्व तो वो लड़की पश्चिम थी इसके बावजूद भी उसमें एक खास बात थी जो समीर को उसकी तरफ़ खीचने लगी। वो बात थी समीर के जैसे ही उस लड़की को भी लिखने का बहुत शौक था। धीरे धीरे दोनों के बीच बातों का सिलसिला दिनोंदिन बढ़ता चला गया। समीर कब उस लड़की को अपना मानने लगा ये खुद समीर को भी मालूम नहीं पड़ा। कल तक दुनिया से अलग रहने वाला लड़का आज किसी और को अपनी दुनिया समझने लगा था। एक दिन मौका देखकर समीर ने लड़की से अपने प्यार का इज़हार कर दिया। लड़की ने कुछ देर सोचने के बाद समीर के प्यार को कुबूल कर लिया। बेशक़ उस लड़की ने समीर के प्यार को क़ुबूल कर लिया था पर उसने समीर के सामने कई अजीब सी शर्तें रख दी थी। समीर प्यार में इस कदर खो गया था कि उसने उन शर्तों की तरफ ध्यान नहीं दिया। जल्दी ही समीर को अपनी गलती का अहसास हो गया था कि वह प्यार में इतना अँधा हो गया था उसे कुछ होश ही नहीं रहा था। उसे अंदाज़ा हो गया था उस लड़की से प्यार करना उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती थी। एक दिन समीर ने फैसला किया कि इससे पहले ज्यादा देर हो वो इस बारे में उस लड़की से ज़रूर बात करेगा। अब समीर ने उस लड़की से दूर जाने का इरादा करके एक दिन मौका देखकर उस लड़की से बात की और उसे सारी बात समझाई। अब समीर उस लड़की से अलविदा लेकर उससे दूर हो गया और वह फिर पहले के जैसे अकेले ही अपनी दुनिया में रहने लगा। उसने सोच लिया था अब वो कभी किसी और से प्यार नहीं करेगा।

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